....

हरियाणा में कांग्रेस हाईकमान भूपिंदर सिंह हुड्डा के आगे नरम पड़ा

 कांग्रेस ने पंजाब और हिमाचल के बाद हरियाणा में अपनी स्टेट यूनिट में बड़ा बदलाव किया है। कुमारी शैलजा के स्थान पर अब उदयभान को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है, जो भूपिंदर सिंह हुड्डा के करीबी माने जाते हैं। वह होडल सीट से कई बार के विधायक हैं और दलित समुदाय से ही आते हैं। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान में यह जानकारी दी गई है।


उन्होंने बताय कि उदय भान को हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त करने के साथ ही श्रुति चौधरी, राम किशन गुज्जर, जितेंद्र कुमार भारद्वाज और सुरेश गुप्ता को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। दरअसल भूपिंदर सिंह हुड्डा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा से गहरे मतभेद थे। वह लगातार उन्हें हटाकर किसी और को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे थे, लेकिन दलित समुदाय से आने वालीं शैलजा को हटाने से उनके समुदाय की नाराजगी मोल लेने का भी डर था। 

आखिर क्यों उदयभान पर राजी हो गए शैलजा के विरोधी हुड्डा

ऐसे में कांग्रेस हाईकमान न तो भूपिंदर सिंह हुड्डा को नाराज करना चाहता था और न ही दलित बिरादरी की उपेक्षा का आरोप लगने देना चाहता था। ऐसे में उदयभान पर विचार किया गया, जो भूपिंदर सिंह हुड्डा के करीबी होने के साथ ही दलित समुदाय से आते हैं और कई बार के विधायक हैं। पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा फिलहाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। कहा जा रहा है कि पहले उन्हें ही हाईकमान ने अध्यक्ष बनने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन इसके साथ ही विधानसभा में नेता विपक्ष किसी और को बनाने की बात थी। इस विकल्प को हुड्डा ने खारिज कर दिया और खुद के नेता विपक्ष ही बने रहने की इच्छा जताई। इसके साथ ही उनका इरादा यह भी था कि कुमारी शैलजा को हटा कर किसी और को प्रदेश यूनिट की कमान दी जाए।

एक उदयभान से कैसे हाईकमान ने साधे दो निशाने

हालांकि हुड्डा की इस मांग को लेकर हाईकमान इस पसोपेश में था कि यदि उनकी उपेक्षा की जाती है तो जाट समुदाय में गलत संदेश जाएगा। हुड्डा को जाट बिरादरी में प्रभावशाली नेता माना जाता है। इसके अलावा कुमारी शैलजा को किनारे करने पर दलित समुदाय की नाराजगी का डर था। उदयभान के जरिए कांग्रेस ने इन दोनों ही मुश्किलों पर काबू पा लिया है। वह खुद दलित समुदाय से आते हैं, जिससे उनकी बिरदारी को साधना आसान होगा। इसके अलावा हुड्डा कैंप के नेता माने जाते हैं, ऐसे में पार्टी पर हुड्डा की उपेक्षा के आरोप भी नहीं लगेंगे। 

Share on Google Plus

click vishvas shukla

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment