ED यानी प्रवर्तन निदेशालय ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर शिकंजा कसना शुरु कर दिया है। पंजाब में रेत खनन मामले से जुड़ी धनशोधन जांच के सिलसिले में ED ने उनसे छह घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की। चरणजीत सिंह चन्नी, बुधवार रात जालंधर स्थित प्रवर्तन निदेशालय के क्षेत्रीय कार्यालय से धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत अपना बयान दर्ज करवाकर बाहर निकले। आपको बता दें कि इसी मामले में चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह उर्फ हनी को ईडी ने 20 फरवरी को गिरफ्तार किया था। पिछले कुछ समय से चन्नी के भांजे भूपेंद्र सिंह हनी (Bhupendra Singh Honey) के खिलाफ भ्रष्ट्राचार और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में जांच चल रही है। उसी जांच के दौरान मौजूदा मुख्यमंत्री चन्नी का नाम भी सामने आया था।
ED ने इस महीने की शुरुआत में उनके और इस मामले में नामजद अन्य लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया था। सूत्रों के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय ने चन्नी को पहले भी कई बार समन भेजे थे। इस बार पेश होने पर ईडी के अधिकारियों ने चन्नी से हनी और अन्य लोगों के साथ उनके संबंधों और मुख्यमंत्री कार्यालय में उनके भतीजे की कुछ यात्राओं के बारे में पूछताछ की। साथ ही उनसे राज्य में अवैध बालू खनन अभियान के तहत कुछ अधिकारियों के तबादले और पदस्थापना के आरोपों के बारे में भी पूछताछ की गयी।
इस मामले में ईडी की कार्रवाई 18 जनवरी को हनी और अन्य के खिलाफ छापेमारी के बाद शुरू हुई थी। हनी के परिसर से ईडी ने लगभग 7.9 करोड़ रुपये नकद और संदीप कुमार नामक एक व्यक्ति से लगभग 2 करोड़ रुपये जब्त किये थे। ईडी के अधिकारियों ने कहा था कि उन्होंने तलाशी के दौरान कुदरतदीप सिंह, भूपिंदर सिंह (हनी), हनी के पिता संतोख सिंह और संदीप कुमार के बयान दर्ज किये। बयान से साफ हो गया कि जब्त रुपये हनी के ही थे। ईडी ने एक बयान में दावा किया था, भूपिंदर सिंह (हनी) ने स्वीकार किया कि उन्हें रेत खनन कार्यों और अधिकारियों के स्थानांतरण व पदस्थापना में मदद के बदले में ये नकदी प्राप्त हुई थी।
0 comments:
Post a Comment