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जनसहभागिता से वन संरक्षण पर ग्रामीणों को मिलेगा अब 20 प्रतिशत लाभांश

 भोपाल। । सामुदायिक वन प्रबंधन समितियों को वनोपज और लकड़ी बिक्री से होने वाली शुद्ध आय में से दस प्रतिशत की जगह बीस प्रतिशत हिस्सा मिलेगा। कैबिनेट में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वन विभाग द्वारा आय का दस प्रतिशत अंश देने के प्रस्ताव से असहमति जताते हुए उसे 20 प्रतिशत कराया। वहीं, राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए) को बंद करने पर भी मुहर लगाई। बैठक में तृतीय अनुपूरक बजट और वित्त विधेयक 2022 को भी मंजूरी दी गई।



मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रालय में हुई कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री ने वनोपज और लकड़ी से होने वाले शुद्ध लाभ का दस प्रतिशत लाभांश वन समिति(ग्रामीणों) को दिए जाने के प्रस्ताव को बदल दिया। इससे जंगलों में होने वाली अवैध कटाई भी रुकेगी और राजस्व में वृद्धि होगी।

राज्य सरकार के प्रवक्ता गृह मंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्यों में प्रवेश शुल्क में से 33 प्रतिशत और बफर क्षेत्रों में पर्यटन से होने वाली आय का पूरा हिस्सा संबंधित वन समितियों को दिया जाएगा। पंचायत के उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम (पेसा) के तहत ग्राम सभा में अनुसूचित जनजाति की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक होने पर समिति का अध्यक्ष पद इसी वर्ग के लिए आरक्षित होगा।


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