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जबलपुर में 10 रुपये दो और पता कर लो मावा शुद्ध है या मिलवटी

 जबलपुर। मिलावट से मुक्ति अभियान के तहत खाद्य सुरक्षा अमले की ओर से नए-नए प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने शहर की खोवा मंडी में विशेष जांच अभियान चलाया। इस दौरान उपभोक्ताओं द्वारा खरीदी गई खाद्य सामग्रियों का भी मात्र 10 रुपये के मामूली शुल्क पर परीक्षण किया गया।



ऐसे में स्वाभाविक रूप से खोवा (मावा) का क्रय-विक्रय ज्यादा होता है। उत्पादन पर्याप्त नहीं होने और मुनाफाखोरी की चक्कर में व्यापारी दूषित और मिलावटी मावा ग्राहकों को थमा देते हैं, जिससे बीमारियों के संक्रमण का खतरा रहता है। इसी के चलते खोवा मंडी में खाद्य सुरक्षा अमले की चलित प्रयोगशाला ने लोगों द्वारा खरीदे गए मावे का भी वैज्ञानकि तरीके से परीक्षण किया। इसके लिए ग्राहकों से 10 रुपये शुल्क लिया गया और उनके खरीदे गए मावे में से सैम्पल लेकर मौके पर ही उसका लैबोरेटरी लेस्ट किया गया।

चंद मिनटों में ही उनको रिपोर्ट भी दे दी गई कि उनके द्वारा लिया गया मावा कैसा है। खोवा मंडी स्थित 17 दुकानों से कुल 37 सैंपल की जांच की गई। उपभोक्ताओं से दस रुपये का शुल्क प्राप्त कर उनके द्वारा क्रय किए गए मावे की जांच मौके पर की गई और जांच रिपोर्ट मौके पर ही दी गई। इस दौरान 13 उपभोक्ताओं ने 20 नमूनों की जांच कराई।

प्रयास एक, फायदे दो: खाद्य सुरक्षा अमले के इस प्रयास से दो तरह के फायदे हुए पहला तो ग्राहकों को बहुत कम खर्च पर पता चल गया कि उनके द्वारा लिया गया मावा शुद्ध है या मिलावटी। इसी तरह से दुकानदारों को संदेश मिल गया कि वो अगर मिलावटी सामान बेचेंगे तो इसकी पोल ग्राहक 10 रुपये देकर खोल देगा। इसी तरह से समाज में अन्य लोगों को भी यह पता चल जाएगा कि अगर वो चाहें तो खाद्य सुरक्षा अमले से संपर्क करके संदिग्ध खाद्य सामग्रियों की जांच करा सकते हैं।

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