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सोनिया गांधी की अध्यक्षता में चुनावी हार के कारणों पर गंभीर मंथन

नई दिल्ली##  विधानसभ चुनावों में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस में आत्ममंथन का दौर शुरु हो गया है। दिल्ली में सोनिया गांधी की अध्यक्षता में 5 राज्यों में पार्टी को मिली हार की वजहों और आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक हुई। इस बैठक में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी भी मौजूद थे। इनके अलावा बैठक में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम, हरीश रावत, राजीव शुक्ला, प्रमोद तिवारी जैसे कई नेता शामिल हुए। इनके अलावा अधीर रंजन चौधरी, देवेंद्र यादव आनंद शर्मा, दिग्विजय सिंह, अजय माकन और गुलाम नबी आज़ाद जैसे पुराने नेता भी मौजूद रहे। माना जा रहा है कि इस बैठक में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर ठोस चर्चा हुई।

बैठक से पहले अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व का समर्थन करते हुए कहा कि राहुल गांधी अकेले व्यक्ति हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरे दमखम से मुकाबला कर कर रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में चुनावी हार का ‘पोस्टमॉर्टम’ होगा और आगे की रणनीति तय की जाएगी।

कांग्रेस के ज्यादातर नेता गांधी परिवार की गुड बुुक में बने रहने के लिए हर हाल में गांधी परिवार के ही किसी सदस्य को नेतृत्व सौंपने के पक्ष में हैं। लेकिन वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं का बड़ा वर्ग मानता है कि एक जुझारु, परिपक्व और जनाधार वाले नेता को कांग्रेस की बागडोर सौंपा जाना चाहिए, ताकि इसकी डूबती साख को बचाया जा सके। लेकिन इसकी उम्मीद कम ही है क्योंकि चापलूसी के घुन ने कांग्रेस को इस कदर खोखला कर दिया है कि पार्टी इसके दबाव से उबर पाने में सक्षम नहीं दिखती।

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