जबलपुर। भगवान शंकर के वाहन नंदी के दूध पीने की सूचना शहर में इस तरह फैली कि लोग दूध पिलाने उमड़ पड़े। यह जानकारी शनिवार की दोपहर तीन बजे के बाद इस तरह फैली कि लोग दूध लेकर शिवालयों में पहुंच गए। हालांकि स्पष्ट तौर पर कहीं भी ऐसा देखने नहीं मिला कि नंदी दूध पी रहे हों लेकिन कई लोग दूध पीने का दावा जरूर करते रहे।
कई लोगों ने कहा यह अफवाह : इस बारे में कई लोगों का कहना था कि लोग अफवाह के कारण मंदिर पहुंच रहे हैं। पत्थर के नंदी दूध कैसे पी सकते हैं। नर्मदा नगर के पास शिव मंदिर में भी कई लोग नंदी को दूध पिलाने पहुंचे। यहां कई लोगों ने चम्मच से दूध नंदी के मुख पर तो लगाया लेकिन दूध नीचे गिर रहा था। मंदिर में पहुंची श्रीमती उर्मिला का कहना था कि उसके हाथ से नंदी ने दूध पी लिया था।
शहर के कई मंदिरों में पहुंचे लोग : दूध पिलाने का यह दौर शहर के अन्य क्षेत्रों में भी चला और कई लोग दूध पिलाने का दावा भी करते रहे। इस बारे में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के भौतिक शास्त्र के प्रोफेसर राकेश बाजपेयी का कहना है कि यह विज्ञानिक प्रक्रिया है। पत्थर में छोटे-छोटे ट्यूब बनने से कैटिलरी एक्शन होता है। जिससे पत्थर पानी को आब्जर्व कर लेता है।
नर्मदा किनारे मंदिरों में भी दूध पिलाने पहुंचे लोग : यह खबर जब फैली तो लोग नर्मदा के किनारे स्थापित शिव भगवान के वाहन नंदी को दूध पिलाने की कोशिश की। ग्वारीघाट में पंडा अभिषेक मिश्रा ने बताया कि जब उन्होंने दूध पिलाया तो नंदी ने दूध नहीं पीया। उन्होंने इसे सिर्फ अफवाह मात्र बताया। इसी तरह मढ़ाताल क्षेत्र के राम मंदिर में अखिल तिवारी पहुंचे। यहां तीन नंदी हैं जिन्हें दूध पिलाने की कोशिश करने पर नंदी ने दूध नहीं पीया। अखिल ने भी इसे अफवाह बताया।
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