कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन शुक्रवार को सेंसेक्स-निफ्टी बुरी तरह टूट गया। सेंसेक्स 58,447 अंक तक गिर गया और समाचार लिखे जाने तक यह 880 अंक गिर गया था। महिंद्रा कंपनी को अलावा बाकी सभी कंपनियों के शेयर लाल निशान पर थे। वहीं दूसरी ओर निफ्टी भी 259 अंकों की गिरावट के साथ 17345 पर कारोबार कर रहा था। इससे पहले गुरुवार को रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था, जिससे बाजार को फायदा हुआ। इससे एक दिन पहले BSE सेंसेक्स 460.06 अंक या 0.79 प्रतिशत ऊपर 58,926 अंक पर बंद हुआ। NSE का निफ्टी भी 142.05 अंक या 0.81 प्रतिशत बढ़कर 17,605.85 पर पहुंच गया। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में टाटा स्टील 2.11 फीसदी की बढ़त के साथ फायदे में रहगी।
इन कंपनियों के शेयर में रही तेजी
इंफोसिस, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी, कोटक महिंद्रा बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा और पावरग्रिड के शेयरों में भी तेजी रही। सेंसेक्स में सिर्फ चार कंपनियों के शेयर घाटे में रहे। मारुति सुजुकी, नेस्ले इंडिया, अल्ट्राटेक सीमेंट और रिलायंस इंडस्ट्रीज को 1.64 फीसदी तक का नुकसान हुआ।
रेपो रेट स्थिर रखने का असर
बाजार से जुड़े जानकारों का कहना है कि रेपो रेट को स्थिर रखने के भारतीय रिजर्व बैंक के फैसले का अनुकूल असर शेयर बाजारों में देखने को मिला। रिजर्व बैंक ने कहा कि वह अर्थव्यवस्था को महामारी से उबरने में मदद करने के लिए सहायक भूमिका निभाता रहेगा। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति 5.3 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। इसके अलावा अगले वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर भी 7.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है।
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