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राजस्थान सरकार की तरह छत्तीसगढ़ में भी लागू हो पुरानी पेंशन

रायपुर । राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा छत्तीसगढ़ प्रदेश संयोजक संजय शर्मा ने कहा है कि राजस्थान सरकार की तरह छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन पुनः लागू किया जाए। जनघोषणा पत्र में कांग्रेस सरकार ने जो पुरानी पेंशन लागू करने का वादा किया है, उसे भी पूरा किया जा सकता है।


पुरानी पेंशन देना राज्य सरकार के अधीन

उन्होंने कहा है कि राज्य कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने का विषय राज्य सरकार के अधीन है। अब छत्तीसगढ़ सरकार इस पर तत्काल निर्णय ले। कर्मचारियों के अलग से 10 फीसद अंश जमा राशि 90 अरब को सरकार ब्याज में लेकर विकास कार्य बढ़ा सकती है, अभी बड़ी संख्या में NPS कर्मचारी रिटायर नहीं हो रहे हैं। अतः ज्यादा राशि के भुगतान का भार नहीं आएगा। एनपीएस हटाकर ओपीएस लागू करने से सरकार को विकास के लिए कुल 180 अरब की राशि प्राप्त हो सकता है।

प्रति वर्ष करीब 20 अरब राज्य शासन का बचत

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा छत्तीसगढ़ के प्रदेश संयोजक संजय शर्मा, वीरेंद्र दुबे ,लैलूंन भारद्वाज , रोहित तिवारी, तुलसी साहू, निर्मल साहू, डा. रवि बंजारे, एसपी देवांगन, बीबी जायसवाल, महेंद्र सिंह राजपूत, शैलेंद्र सोनी, संतोष कुमार वर्मा, राष्ट्रीय आईटी सेल प्रभारी बसंत चतुर्वेदी ने कहा है कि अपैल 2022 से 4 फीसद राज्यांश का निर्णय लिया गया है। पुरानी पेंशन लागू करने से राज्य सरकार द्वारा 14 प्रतिशत राज्यांश राशि जमा नहीं करने पर प्रति वर्ष करीब 20 अरब छत्तीसगढ़ राज्य शासन का बचत होगा।

एनपीएस से बुढ़ापे में गुजर बसर मुश्किल

छत्तीसगढ़ कांग्रेस के जनघोषणा पत्र में कहा गया है कि सीपीएफ पर विचार कर, 2004 के पूर्व जो पेंशन योजना थी उसे लागू करने की कार्यवाही की जाएगी, परंतु अभी तक छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पुरानी पेंशन बहाली हेतु सार्थक पहल नही किया गया है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 1 नम्वबर 2004 से नवीन अंशदायी पेंशन योजना लागू की गई है। नवीन अंशदायी पेंशन योजना बाजार आधारित योजना है, इस योजना से सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों को अल्प पेंशन का भुगतान हो रहा है, जिससे बुढ़ापे में उनका गुजर बसर अत्यंत पीड़ादायक होता जा रहा है।

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