मालवा-निमाड़ । बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने फसलों का मिजाज बिगाड़ दिया है। शुक्रवार रात ओले गिरने से मंदसौर, रतलाम, उज्जैन, धार जिले में कई स्थानों पर फसलें आड़ी हो गई हैं। जनप्रतिनिधि और अधिकारियों ने खेतों में पहुंचकर नुकसानी का जायजा लिया। मंदसौर जिले में शनिवार को तत्काल सर्वे की मांग को लेकर किसानों ने चक्काजाम कर दिया। अफसरों ने सर्वे प्रारंभ होने की बात कही, तब जाकर किसान प्रदर्शन स्थल से हटे।
मंदसौर : नौ जनवरी तक सर्वे रिपोर्ट पेश करने के निर्देश
मंदसौर जिले में सीतामऊ, शामगढ़ व मल्हारगढ़ तहसील के 15 से अधिक गांवों में बारिश के साथ ओले भी गिरे हैं। इससे अफीम, गेहूं, चना, मैथी सहित रबी की फसलों में नुकसान हुआ है। रात में गिरे ओले सुबह तक खेतों में ही थे। तत्काल सर्वे की मांग कर नाराज किसानों ने सीतामऊ तहसील के सेदरा फंटा और खजूरी के बीच चक्काजाम कर दिया। करीब एक घंटे बाद तहसीलदार टीना मालवीय ने मौके पर पहुंचकर आश्वासन दिया कि सर्वे प्रारंभ हो रहा है, इसके बाद किसान हटे। कलेक्टर गौतमसिंह ने निर्देश दिए हैं कि नौ जनवरी की शाम तक सर्वे रिपोर्ट पेश की जाए।
अन्य जिलों में भी नुकसान से किसान बेहाल
उज्जैन : जिले में शुक्रवार रात भारी बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। लाखों रुपये के गेहूं, चना, लहसुन पैदा होने के पहले ही नष्ट हो गए। कृषि विभाग के अफसर खेतों में जाकर नुकसान का आकलन कर रहे हैं। रतलाम : जिले में भी फसलों में काफी नुकसान हुआ है। तितरी में अंगूर के बगीचे बुरी तरह प्रभावित। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने सर्वे के आदेश दिए हैं।
बड़वानी : जिले में भी फसलें प्रभावित हुई हैं। भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष मंसाराम पंचोले ने कहा सर्वे के लिए 11 जनवरी को जिले के तहसील मुख्यालयों पर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।
झाबुआ : जिले के पेटलावद क्षेत्र में शुक्रवार रात ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ है।
धार : जिले के बामनखेड़ी, भीलगुन, दसाई, सोन्याखेडी, बालोदा आदि गांवों में विधायक प्रताप ग्रेवाल ने पहुंचकर फसलों का निरीक्षण किया।
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