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मप्र के खंडवा जिले के ओंकारेश्वर में स्थापित होगी आदिगुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा

 भोपाल । गुजरात के स्टेच्यू आफ यूनिटी की तरह ओंकारेश्वर में आदिगुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी। 54 फीट ऊंचे प्लेटफार्म पर स्थापित होने वाली प्रतिमा की लागत दो हजार करोड़ रुपये होगी। वर्ष 2023 तक प्रतिमा की स्थापना का लक्ष्य है। इसकी ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 280 मीटर (918 फीट) होगी। एकात्मता की प्रतिमा का निर्माण वासुदेव कामथ के निर्देशन में होगा। वे ही आकल्पन व चित्रण करेंगे।

प्रतिमा निर्माण में एकात्म यात्रा के माध्यम से प्रदेश, देश एवं कुछ अन्य देशों से एकत्रित धातुओं का उपयोग किया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में शनिवार को मंत्रालय में आयोजित आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास की बैठक में प्रतिमा एवं संग्रहालय की स्थापना और अंतरराष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान पर विस्तार से चर्चा हुई।

बैठक में महामंडलेश्वर आचार्य अवधेशानंद, स्वामी परमात्मानंद सरस्वती महाराज, स्वामी चिदानंदपुरी, स्वामी हरिब्रह्मेन्द्रानंद महाराज, स्वामी मित्रानंद सहित कई संत उपस्थित थे, तो कई संत वर्चुअल जुड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि आचार्य शंकर की ज्ञान भूमि ओंकारेश्वर का प्रकल्प अद्वैत वेदांत के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित करेंगे। इसे 'एकात्मता की प्रतिमा' नाम दिया है। यह प्रकल्प अद्वैत वेदांत को व्यावहारिक जीवन में उतारने की शिक्षा देगा। साथ ही विश्व में पर्यटन के साथ ही आध्यात्मिक क्रांति को भी सृजित करेगा।

बैठक में प्रस्तावित कार्य का विस्तृत प्रजेंटेशन हुआ और उपस्थित संतों ने सुझाव दिए। शंकर संग्रहालय की विशेषताएं शंकर संग्रहालय में माया वेदांत व्याख्या केंद्र (3डी होलोग्राम), निधि ध्यानसेन केंद्र (प्रतिमा आधार के नीचे) प्रदर्शनी दीर्घाएं, बाह्य प्रदर्शनी दीर्घाएं, हाई स्क्रीन थिएटर, अद्वैत नौका विहार, मुक्ताकाश मंच और अन्न क्षेत्र व वस्तु विक्रय केंद्र मुख्य विधिका होंगी।

अलग-अलग केंद्र बनाए जाएंगे

आचार्य हस्तामलक अद्वैत विज्ञान केंद्र

इसका मुख्य द्वार शारदा पीठ के द्वार जैसा होगा। शेष संरचना पश्चिम भारत की वास्तु शैली के अनुसार होगी।

आचार्य सुरेश्वर अद्वैत सामाजिक विज्ञान केंद्र

इसका मुख्य द्वार शृंगेरी पीठ के द्वार और शेष संरचना दक्षिण भारत की वास्तु शैली जैसी होगी।

आचार्य गौड़पाद अद्वैत विस्तार केंद्र

इसका निर्माण दक्षिण की वास्तु संरचना पर आधारित होगा। मुख्य द्वार के समीप आचार्य गौड़पाद की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

आचार्य गोविंद भगवत्पाद अद्वैत गुरुकुलम

मुख्य द्वार के समीप आचार्य गोविंद भगवत्पाद की प्रतिमा स्थापित होगी। आचार्य गोविंद भगवत्पाद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को अभिव्यक्त किया जाएगा।

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