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शहडोल की शैलजा ने 15 हजार फीट ऊंचाई पर फहराया 280 फीट का तिरंगा

 जिले के छोटे से गांव कटकोनी की पर्वतारोही शैलजा तिवारी ने गणतंत्र दिवस की 75 वीं वर्षगांठ पर ऐतिहासिक कारनामा कर दिखाया है। 19 वर्षीय शैलजा तिवारी ने हिमाचल प्रदेश की रोराग पीक पर 280 फीट का तिरंगा ध्वज फहराया है। 26 जनवरी की सुबह 4:00 बजे उन्होंने चढ़ाई शुरू की और सुबह 11 बजे वहां तिरंगा लहरा दिया । इनके साथ इनकी टीम के 25 साथी भी साथ में रहे।


केदार कंठा पर की है चढ़ाई

शैलजा तिवारी हाल में ही केदारकंठा ट्रेनिंग ट्रैकिंग कर वापस लौटी हैं। अब उन्‍होंने मनाली की 15 हजार फीट की रोराग पीक को फतेह कर लिया है। यह एक ऐसी माऊंटेनरिंग पीक है जो चारों ओर बर्फ से ढंकी है। यहां पर बर्फबारी भी हो रही थी ।इस सबके बीच बाधाओं को पार करते हुए शैलजा तिवारी अपनी टीम के सदस्यों के साथ अपनी चढ़ाई पूरी करते हुए पीक पर पहुंची और तिरंगा फहरा दिया । इस दौरान भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे भी गूंजे।

यह एक बड़ा अभियान था

शैलजा के टीम लीडर और इस पीक के मार्गदर्शक पर्वतारोही रोहित झा ने बताया कि हमारी टीम ने 15 हजार फीट के इस फासले को मात्र 7 घण्टे में फतह किया। यह एक बहुत ही रोमांच पैदा करने वाला बड़ा अभियान था।

30 को होगी शैलजा की वापसी

शैलजा तिवारी ने नईदुनिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी 25 सदस्य वाली टीम के साथ इस सफर को पूरा किया और वे गर्व का अनुभव कर रही हैं। उन्होंने बताया कि हमने 7 घंटे में सबसे तेज इस चोटी पर पहुंचकर 280 फीट का तिरंगा फहराया है और यह अपने आप में एक रिकार्ड बना है। उन्होंने बताया कि यह पूरा अभियान इंडियन एडवेंचर फाउंडेशन के तत्वाधान में हुआ है । शैलजा ने बताया कि 30 जनवरी को उनकी शहडोल वापसी होगी।

शैलजा के कोच ने कहा मुझे गर्व है

पर्वतारोही शैलजा तिवारी के कोच एवं भगत सिंह यूथ फाउंडेशन के संयोजक डॉ पंकज शर्मा का कहना है कि उनकी इस सफलता ने मुझे गर्व का अनुभव कराया है और मुझे शैलजा तिवारी पर पूरा विश्वास है कि अब वह माउंट एवरेस्ट को भी फतह कर लेंगी।

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