....

मध्यप्रदेश मे MSME उद्योगो के लिए नई नीति जारी

 भोपाल: मध्यप्रदेश में अब उद्योगों में यंत्र और संयंत्र में दस से पचास करोड़ तक के निवेश को लघु एवं सूक्ष्म मध्यम उद्योग (MSME) के दायरे में शामिल किया जाएगा। तेरह अगस्त के बाद इस सीमा तक निवेश को इस दायरे में माना जाएगा। इन उद्योगों को मिलने वाली रियायते और भूमि आबंटन भी आॅनलाईन होगा। नये भंडार क्रय नियम भी बनेंगे, लाइसेंस नवीनीकरण भी सरल किया जाएगा।

राज्य सरकार ने नई (MSME) नीति को 13 अगस्त से पूरे प्रदेश में लागू करने का निर्णय लिया है। इसके पहले स्थापित इकाईयों को पूर्व में स्वीकृत रियायतें ही मिल सकेंगी। नई नीति में उद्योगों को जो भी रियायतें दी जाना है वे आॅनलाईन उपलब्ध कराई जाएगी। जमीन आबंटन भी आॅनलाईन प्रक्रिया से होगा।


 

MSME बिजनेस फैलिलिटेशन सेल- 

MSME को सहूलियत और सहयोग प्रदान करने के लिए उद्योग आयुक्त के कार्यालय में एक सेल का भी गठन किया गया है। MSME को हैंड होल्डिंग सहायता प्रदान करने के लिए इस सेल के माध्यम से सहायक सलाहकारों को राज्यभर में जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्रों में पदस्थ किया गया है।

शिकायतों का समाधान करने काउंसिल- 

MSME को उनके भुगतान से संबंधित शिकायतों का समाधान करने के लिए राज्य सरकार ने एमएसएमई विकास अधिनियम के तहत मध्यप्रदेश एमएसई फेसिलिटेशन काउंसिल कागठन किया गया है। इसके अलावा प्लांट और मशीनरी में दस करोड़ तक का निवेश करने वाली इकाईयों को रियायतें प्रदान करने जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति भी गठित की गई है। जिला स्तरीय सहायता समिति बहुमंजिला औद्योगिक परिसर तथा पांच से दस एकड़ से कम क्षेत्रफल वाले औद्योगिक क्षेत्र, क्लस्टर के विकास में हुए व्यय की प्रतिपूर्ति स्वीकृत कर सकेगी। 


पचास करोड़ तक के मामले राज्य स्तरीय साधिकार समिति देखेगी- 

इस नीति के प्रावधानों के तहत प्लांट और मशीनरी में दस करोड़ रुपए से अधिक और पचास करोड़ रुपए तक का निवेश करने वाली पात्र एमएसएई को रियायतें देने के लिए राज्य स्तरीय साधिकार समिति निर्णय लेगी। दस एकड़ या अधिक क्षेत्रफल वाले औद्योगिक क्षेत्र,क्लस्टर के विकास पर हुए खर्चो को स्वीकृत करने का अधिकार भी इसे होगा।

Share on Google Plus

click vishvas shukla

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment