भोपाल : राजधानी के पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कॉलेज में पंचकर्म की सुविधा फिर से शुरू कर दी गई है। कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले साल मार्च के बाद से यहां पर पंचकर्म नहीं किया जा रहा था। यहां पर पंचकर्म के लिए प्रदेश भर से मरीज आते हैं। सबसे ज्यादा मरीज लकवा के होते हैं। मरीजों को काफी फायदा भी यहां पंचकर्म से हुआ है। लिहाजा फिर से यह सुविधा शुरू करने से मरीजों को राहत मिली है।
कोरोना संक्रमण के डर के चलते पंचकर्म की सुविधा बंद कर दी गई थी। अस्पताल को कोविड केयर केंद्र बना दिया गया था, इसलिए ओपीडी भी बंद थी। मरीज कम होने के बाद पहले तो ओपीडी शुरू की गई। इसके बाद पिछले हफ्ते से यहां पर फिर से पंचकर्म शुरू कर दिया गया है। हालांकि अभी भी सीमित मरीजों को पंचकर्म की सुविधा दी जा रही है, जिससे अस्पताल में ज्यादा भीड़ ना हो।
अस्पताल में पंचकर्म के लिए आम दिनों में भी एक से दो महीने की वेटिंग रहती है। यहां पर पंचकर्म के लिए 20 टेबल हैं। इसके बाद भी यह हाल है। करीब 25 मरीजों का पंचकर्म यहां पर रोज किया जाता है।
क्या है पंचकर्म
पंचकर्म में पांच अलग-अलग तरह की क्रियाएं होती हैं। इसमें वमन, विरेचन, वस्ती, नस्य कर्म और शिरोधारा शामिल है। अलग-अलग बीमारियों में अलग तरह का पंचकर्म कराया जाता है। यहां पर पंचकर्म का अलग से विभाग भी है। ओपीडी में मरीजों को देखने के बाद एक हफ्ते से लेकर एक महीने तक उनकी बीमारी के अनुसार पंचकर्म कराने की सलाह दी जाती है।
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