ग्वालियर : सूर्य देव ने करीब एक साल बाद 17 अगस्त मंगलवार को देर रात 01 बजकर 05 मिनट पर कर्क राशि से अपनी ही राशि सिंह राशि में प्रवेश किया है। सूर्य इस राशि में 17 सितंबर शुक्रवार देर रात 01 बजकर 02 मिनट तक रहेंगे। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि सूर्य ग्रह को सिंह राशि का स्वामी माना जाता है। मेष राशि में ये उच्च भाव में होते हैं, तो वहीं तुला राशि में ये नीच के माने जाते हैं। उच्च भाव में ग्रह अधिक मजबूत और बलशाली होते हैं। जबकि नीच राशि में ये कमजोर हो जाते हैं। इस समय सिंह राशि मे सूर्य के मित्र ग्रह मंगल व बुध भी विराजमान है। सूर्य सिंह राशि में जाकर बुध ग्रह के साथ बुधआदित्य योग का निर्माण करेंगे। ग्रहों के राजा सूर्य बहुत ही मजबूत स्थिति में होंगे। इस पर अच्छी बात यह भी रहेगी कि सूर्य और गुरु एक दूसरे के आमने सामने होकर शुभ स्थिति का निर्माण करेंगे।
सूर्य धरती पर ऊर्जा का सबसे बड़ा प्राकृतिक स्रोत है। सभी ग्रह इसके चारों ओर घूमते हैं, इसलिए सूर्य को नवग्रहों में राजा की उपाधि प्राप्त है। वैदिक ज्योतिष में सूर्य को एक ग्रह के रूप में माना जाता है और इसके द्वारा व्यक्ति को जीवन में ऊर्जा एवं बल की प्राप्ति होती है। सूर्य आत्मा, पिता, पूर्वज, राज्य सम्मान, नेत्र और राजनीति आदि का कारक होता है। सूर्य देव के इस राशि परिवर्तन से जहां कुछ राशि के जातकों को लाभ मिलेगा तो कुछ राशि के जातकों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, जिन राशियों पर सूर्य का बुरा असर पड़ेगा, उन राशि के जातकों को कार्यक्षेत्र सहित अन्य क्षेत्रों में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
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