प्रदेश में बेटियां अब सैनिक स्कूल में पढ़ाई कर सकेंगी। अब तक यह सुविधा बेटों के लिए ही थी लेकिन चालू शिक्षा सत्र से अब बेटियों को सैनिक स्कूल का अनुशासन शुरुआती दौर से ही समझने और पढ़ने को मिल सकेगा। इसके बाद वे सेना के अलग-अलग सेक्टर में अपना कैरियर बनाने और देश सेवा करने का काम कर सकेंगी। रीवा जिले में संचालित सैनिक स्कूल में पहले चरण में 10 बेटियों को प्रवेश मिला है। उनके लिए सैनिक स्कूल परिसर में अलग से कन्या छात्रावास तैयार करने के साथ उनके भोजन की समुचित व्यवस्था की गई है।
सैनिक स्कूल रीवा में बेटियों के प्रवेश लेकर शिक्षा ग्रहण करने का द्वार खुल गया है। पहली बार यहां बेटियों को प्रवेश दिया गया है। इस स्कूल ने देश को कई बहादुर और सफल सेना अधिकारी दिए हैं। इसमें रीवा शहर ही नहीं दूर-दराज गांव की बेटियों ने भी प्रवेश लिया है। सैनिक स्कूल के प्राचार्य कर्नल राजेश वेदा ने बताया कि रीवा में 1962 में सैनिक स्कूल की स्थापना हुई थी। इस वर्ष सैनिक स्कूल में बेटियों को प्रवेश देकर ऐतिहासिक कदम उठाया है। देश के 22 सैनिक स्कूलों में इस वर्ष से बेटियों को भी प्रवेश की सुविधा दी जा रही है। इनके लिए अलग से छात्रावास बनाया गया है। इसमें बेटियों को बालकों के ही समान भोजन, आवास तथा अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं। बेटियां हर क्षेत्र में बेटों के समान आगे बढ़ रही हैं। उन्हें सैनिक स्कूल के माध्यम से भारतीय सेनाओं में प्रवेश के अवसर मिलेंगे। यहां बनाए गए कन्या छात्रावास का लोकार्पण मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने किया है।
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