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40 से 50 की उम्र वाली महिलाएं अवसाद में ना रहें

महिलाओं को लाइफ के हर स्‍टेज पर कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. ये चुनौतियां मानसिक रूप से महिलाओं को ज्‍यादातर प्रभावित करतीं हैं. कुछ महिलाएं इन कठिन चुनौतियों के सामने हथियार डाल देतीं हैं जबकि कुछ महिलाएं पूरी ताकत के साथ मानसिक संतुलन बनाते हुए मुश्किलों का डट कर सामना करतीं हैं. अगर बात की जाए उन महिलाओं की जो 40 से 50 की उम्र से गुजर रहीं हैं तो उनके लिए यह दौर दरअसल अलग तरह की मुश्किलों से भरा होता है.



यूएस डिपार्टमेंट ऑफ हेल्‍थ एंड ह्रयूमन सर्विस के विमेंस हेल्‍थ के मुताबिक आम तौर पर इस उम्र से गुजर रही महिलाओं के बच्‍चे बड़े हो चुके होते हैं और वे अपने अपने पढ़ाई या कामों में व्‍यस्‍त रहते हैं. यही नहीं, काम के सिलसिले में अधिकतर बच्‍चे घर से बाहर अपने माता पिता से अलग रहने लगते हैं. ऐसे में अकेलापन और इंसीक्‍योरिटी की फीलिंग इस उम्र की महिलाओं को बुरी तरह प्रभावित करती है. यही नहीं, इस उम्र तक कई महिलाओं के मां पिता भी गुजर चुके होते हैं. अकेलेपन के इस शुरुआती दौर में ये महिलाएं ख़ुद को कई तरह की असमंजसता में पाती हैं.


उनके मन में इस तरह की बातें घर करने लगती हैं कि उनके जीवन का अब क्‍या अस्तित्‍व है. बेस्‍ट काउंसिलिंग डिग्री के अनुसार, इन तमाम निगेटिव बातों से उबरते हुए अगर ये महिलाएं अपनी लाइफस्‍टाइल में कुछ बदलाव करें और मानसिक सेहत ठीक रखने की ठान लें तो वे लाइफ के इस स्‍टेज को भी मजबूती के साथ एन्‍जॉय कर सकती हैं. आइए जानें उन्हें इसके लिये कि न बातों का ध्‍यान रखने की जरूरत है.

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