अपने बकाए GST मुआवजे को लेकर राज्यों ने केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. गुरुवार को हुई GST काउंसिल की बैठक में भी ये मुद्दा जोरदार तरीके से उठा. हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यों के सामने इस मुश्किल से निकलने के दो रास्ते रखे हैं,और ये राज्यों पर छोड़ा है कि वो कौन सा रास्ता चुनते हैं. वित्त मंत्री के मुताबिक राज्यों के राजस्व में आई कमी को दूर करने के लिए फिलहाल दो विकल्प हैं, जिसमें रिजर्व बैंक की बड़ी भूमिका होगी.
विकल्प नंबर 1. राज्य अपना पूरा
GST मुआवजा जो कि 2.35 लाख करोड़ रुपये होता है, RBI से
सलाह मशविरा के बाद बाजार से उठाएं.
विकल्प नंबर 2. रिजर्व बैंक की
सलाह से राज्यों को एक विशेष विंडो दिया जाए ताकि वो एक तय ब्याज दर पर 97,000
करोड़ रुपये रकम उधार हासिल ले सकें. इस पैसे को पांच साल बाद वापस किया जा सकता
है, क्योंकि तब तक कम्पेनसेशन सेस से राज्यों को काफी फंड मिल चुका होगा.
इन दोनों विकल्पों पर अब राज्यों को 7 दिन के अंदर अपना जवाब देना है. सात दिन के बाद एक फिर एक बैठक होगी. ये दोनों विकल्प सिर्फ इसी साल के लिए होंगे. GST काउंसिल की अगली बैठक अप्रैल 2021 में होगी. तब मौजूदा हालातों की फिर से समीक्षा की जाएगी.
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