चंडीगढ़। सामाजिक सुरक्षा विभाग ने पंजाब में
एक बड़े घोटाले का पता लगाने के बाद कई लोगों की पेंशन बंद कर दी है। जांच में पता
चला था कि राज्य में करीब 70,000 से अधिक लोग अवैध रूप से लगभग 162.35
करोड़ रुपए गलत तरीके से बतौर पेंशन ले रहे थे। अवैध लाभार्थियों के नाम अब सूची
से हटा दिए गए हैं और उन्हें दी गई राशि की वसूली के आदेश दे दिए गए हैं। इस
घोटाले की वजह से जिन वास्तविक लाभार्थियों की पेंशन बंद हो गई है, लगता
है कि उन्हें इसके लिए अभी कुछ और महीनों का इंतजार करना होगा।
धोखाधड़ी साल 2015 की है, जब
हजारों लोगों ने महिलाओं के लिए 58 वर्ष की न्यूनतम आयु के नियम और
पुरुषों के लिए 65 वर्ष की आयु के नियम को तोड़ते हुए फर्जी
प्रमाण पत्र के इस्तेमाल से वृद्धावस्था पेंशन के लिए पात्र होने का दावा किया था।
इसके अन्य ऐसे लाभार्थी भी थे जो निराश्रित और विकलांग व्यक्ति के मानदंडों को
पूरा नहीं करने के बावजूद भी पेंशन हासिल करते थे। संगरूर, बठिंडा, अमृतसर,
मुक्तसर
और मानसा जिले में इन अवैध लाभार्थियों की सबसे अधिक संख्या है।
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