नेपाल में जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच राष्ट्रपति बिद्या भंडारी और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता माधव कुमार नेपाल सहित शीर्ष सरकारी अधिकारियों के साथ चीन के राजदूत होउ यानकी ने मुलाकात की है।
इसके बाद से यह संदेह पैदा हो गया है कि नेपाल के आंतरिक मामलों में चीन मध्यस्थता कर रहा है।
काठमांडू पोस्ट ने बताया कि विदेश मंत्रालय के कई अधिकारियों ने शिकायत की है कि राष्ट्रपति का कार्यालय राजनयिक आचार संहिता का उल्लंघन कर रहा है, जो इस तरह की बैठकों में विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की उपस्थिति को अनिवार्य करता है।
मंत्रालय के अधिकारी के हवाले से अखबार में लिखा गया- "कूटनीतिक आचार संहिता के अनुसार, विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को ऐसी बैठकों में उपस्थित होना चाहिए, लेकिन हमें सूचित नहीं किया गया था ... इसलिए बैठकों का कोई संस्थागत रिकॉर्ड नहीं है और हम नहीं जानते कि वे क्या बात कर रहे थे।"
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