पीएफ खाते में दो हिस्सों में पैसा जमा होता
है। पहला EPF खाता और दूसरा EPS खाते में तय
राशि जमा होती है। देश
में इस वक्त लॉकडाउन की वजह से बहुत से ऐसे लोग हैं जो आर्थिक तंगी का सामना कर
रहे हैं। कर्मचारी वर्ग भी इस लॉकडाउन की वजह से काफी परेशानी में है, केंद्र
सरकार ने कर्मचारियों को पीएफ खाते से तय शर्तों के साथ कुछ राशि निकालने की
अनुमति दे दी है, लेकिन कम लोग ही जानते हैं कि मुश्किल वक्त में
पेंशन खाते में से भी राशि निकासी की जा सकती है।
हर कर्मचारी का पीएफ दो हिस्सों में खाते में
जमा होता है। पहला प्रोविडेंट फंड यानि EPF और दूसरा पेंशन
फंड यानि EPS कहलाता है। कर्मचारी की सैलरी से कटने वाला 12
प्रतिशत पैदास EPF में जमा होता है, वहीं कंपनी की
ओर से EPF में 3.67 फीसदी हिस्सा मिलाया जाता है, वहीं
बाकी 8.33 प्रतिशत हिस्सा कर्मचारी के पेंशन खाते EPS में जमा होता
है। इसमें हर महीने 1250 रुपये की अधिकतम सीमा तय है।
पेंशन खाते से इस सूरत में निकाल सकते हैं पैसा
EPS नियमों के मुताबिक अगर किसी खाताधारक ने नौकरी
छोड़ने से पूर्व 10 साल से कम की सर्विस की है या फिर वह 58
साल का हो गया है तो (दोनों में से जो भी पहले हो) तो वह अपने EPS खाते
में से एकमुश्त पैसा निकालने का हकदार हो जाता है।
अगर व्यक्ति की उम्र 58 साल से कम होती
है तो वह EPS के तहत स्कीम सर्टिफिकेट का विकल्प भी ले सकता
है। यह तब लिया जाता है जब व्यक्ति ने किसी अन्य संस्था में नौकरी करने की योजना बना
रखी हो।
EPS स्कीम से पैसे की एकमुश्त निकासी की अनुमति तभी
मिलती है जब सर्विस के साल 10 वर्ष से कम हों। अगर इससे ज्यादा हों
तो पैसा नहीं निकाला जा सकता है।
EPS खाते से राशि निकालने पर लगता है टैक्स
EPS खाते से एकमुश्त राशि निकासी टैक्स दायरे के
अंतर्गत आती है। हालांकि आयकर कानून में इस बात को लेकर स्थिति साफ नहीं है कि
आखिर यह कर किस मद में आएगा। नौकरी जाने पर सदस्य के पास पूरी रकम निकालकर खाते को
बंद कराने का विकल्प होता है।
0 comments:
Post a Comment