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बड़े शहरों में फैला कोरोना, लेकिन इस जिले में पैर नहीं पसार पाई ये महामारी


जबलपुर ! एक तरफ मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के तीन बड़े महानगर भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में कोरोना (COVID-19) महामारी दिनों दिन अपने पैर पसार रही है. तो वहीं प्रदेश का एक शहर ऐसा भी है जहां कोरोना अपनी जड़ों को मजबूत नहीं कर सका है.


जबलपुर वही शहर है जहां प्रदेश के सबसे पहले 4 कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए थे. लेकिन उसके बाद जो मुस्तैदी प्रशासन ने दिखाई वह काबिल-ए-तारीफ थी. 20 मार्च के बाद जिले में अब तक कुल 9 कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं, जिनमें से 4 स्वस्थ्य होकर घर लौट गए हैं. 27 मार्च के बाद 12 दिनों तक जबलपुर में कोरोना संक्रमण का कोई नया मामला नहीं आया था. ये वो शहर है जहां एक नहीं, बल्कि चार मरीज कोरोना संक्रमित पाये गये थे जिसकी वजह से मध्यप्रदेश कोरोना के मैप पर आ गया था.
कोरोना से निपटने की जिला प्रशासन की कोशिश तत्काल शुरू हो गई थी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 22 मार्च को लॉकडाउन का आह्वान किया था. लेकिन मध्यप्रदेश का इकलौता शहर जबलपुर 21 मार्च से ही संपूर्ण लॉकडाउन के दौर से आज तक गुजर रहा है. आवश्यक सुविधाओं के अलावा कोई भी अन्य प्रतिष्ठाान नहीं खुले हैं. जिले की सीमाओं पर चैक पोस्ट लगा दी गई हैं.
खास बात ये है कि जिस दिन से जबलपुर में कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन लगा उसी दिन से समाजिक संगठन बेसहारों की सेवा के लिए आगे आए हैं. जिला प्रशासन ने भी 6 स्थानों पर मुफ्त भोजन की व्यवस्था की है. वहीं, निजी अस्पतालों को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है. शहर में हर आने जाने वाले की जानकारी जुटाकर उसे 14 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन किया जा रहा है ताकि किसी भी तरह से संक्रमण न फैले. जानकारी के मुताबिक जबलपुर जिले में 3 हजार से ज्यादा लोगों को क्वारंटाइन किया गया है.

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