भोपाल : मुख्यमंत्री ने कहा है कि राम पथ वन
गमन निर्माण योजना को सरकार पूरा करेगी। उन्होंने इस कार्य में साधु-संतों से
सहयोग देने की अपील की। मुख्यमंत्री जबलपुर में माँ नर्मदा गौ कुंभ के समापन
समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बनते ही हमने
आध्यात्म विभाग का गठन किया। जिसके जरिए हम प्रदेश के प्राचीन मंदिरों और भारतीय
संस्कृति के संरक्षण की दिशा में काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश की
जनता से वादा किया था कि गौ वंश का संरक्षण करेंगे। पिछले 14 माह में
मध्यप्रदेश के हर जिले में गौ शालाओं का निर्माण हो रहा है। हमारा प्रदेश पूरे देश
में एक मात्र ऐसा प्रदेश है जहाँ इतनी बड़ी संख्या में शासकीय गौशालाएं बनाई जा रही
हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया में हमारी
पहचान और ताकत हमारी संस्कृति और आध्यात्मिक शक्ति के कारण है। यही वह आधार है
जिसके कारण हम अनेकताओं के साथ एक झंडे के नीचे खड़े हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि
हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि हम अपनी इस संस्कृति मूल्यों सभ्यता और
आध्यात्मिक शक्ति से युवा पीढ़ी को कैसे जोड़ें। साधु-संतों ने सदैव हमारे देश को
दिशा दी है और मार्गदर्शन दिया है। मैं सभी साधु संत समाज से अपील करता हूँ कि वे
देश की भावी पीढ़ी को भारतीय संस्कृति और उसकी महानता को अपनाने के लिए प्रेरित
करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि माँ नर्मदा गौ-कुंभ के
द्वारा प्रदेश और यहां की जनता को सर्वांगीण विकास का आशीर्वाद मिला है। उन्होंने
अपेक्षा की है कि अगले साल होने वाला माँ नर्मदा गौ-कुंभ और अधिक विशाल होगा।
वित्त मंत्री तरुण कुमार भनोत ने मुख्यमंत्री
के प्रति आभार व्यक्त किया कि उनके कार्यकाल में राम वन गमन पथ के निर्माण का
मार्ग प्रशस्त हुआ, गौशालाओं में दिया जाना वाला चारे का दाम 3
रुपये से बढ़ाकर 20 किया गया। नर्मदा रिवरफ्रंट बनाने के लिए 150
करोड़ रुपये का प्रावधान और ग्वारीघाट गुरुद्वारा सर्वांगीण विकास के लिए 20
करोड़ एवं शासकीय भूमि प्रदान की गई।
जगदगुरु श्यामदेवाचार्य महाराज ने कहा कि माँ
नर्मदा गौ कुंभ का इतना विशाल और भव्य आयोजन सरकार के सहयोग के कारण ही संभव हुआ।
उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।
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