भोपाल ! भोपाल में आज से राष्ट्रीय जल सम्मेलन शुरू
हुआ. सीएम कमलनाथ ने इसका शुभारंभ किया. सम्मेलन में पानी बाबा मैग्सेसे पुरस्कार
से सम्मानित राजेन्द्र सिंह सहित 30 राज्यों के जल विशेषज्ञ और
पर्यावरणविद शामिल हो रहे हैं. राजेन्द्र सिंह ने right to water के
लिए सीएम कमलनाथ को बधाई दी कि उन्होंने पानी के बारे में सोचा, जबकि
दूसरे राज्यों ने इस बारे में विचार तक नहीं किया. सीएम कमलनाथ ने आज इस सम्मेलन
में राज़ खोला कि वो पानी की खातिर ही राजनीति में आए हैं.
भोपाल में शुरू हुए राष्ट्रीय जल सम्मेलन का
सीएम कमलनाथ ने उद्धाटन करने के बाद एक रोचक किस्सा सुनाया. उन्होंने कहा मैं पानी
के कारण ही राजनीति में आया हूं. मेरा राजनीतिक जीवन भी पानी से जुड़ा है. उन्होंने
किस्सा सुनाया कि मेरा राजनीति में आने का ना तो कोई विचार था. ना ही कोई सोच थी.
एक दिन मैं रात में सौंसर से पांढुर्ना जा रहा था. हमने देखा कि लोग रात में 10
बजे 3 घंटे से पानी के लिए पीपे लेकर रुके थे. जब हमने उनसे पूछा तो लोगों
ने बताया कि गांव में पानी नहीं है. पानी की कमी के कारण उनके बेटों की शादी नहीं
हो पा रही है. दूसरे गांवों के लोग अपनी बेटियां हमारे बेटों को नहीं देते. बस उसी
दिन मैंने सोच लिया कि मैं चुनाव के मैदान में उतरूंगा.1979 में राजनीति के
मैदान में आने का विचार किया. मैं सिर्फ और सिर्फ पानी के कारण ही राजनीति में
आया.
सीएम कमलनाथ ने कहा-कानून तो बन जाएगा कैसा
कानून बनाये ये विचार आपको करना होगा. 65 बांध सूखने की कगार पर हैं.नदियां भी
सूख रही हैं.नई टेक्नोलॉजी से पानी पर लाने विचार करना होगा.जो 20साल
पहले संभव नही था वो आज संभव है. सीएम ने कहा अगर हमने अब भी जल संरक्षण पर विचार
नहीं किया तो आने वाली पीढ़ियां हमें कभी भी माफ नहीं करेंगी. उन्होंने राजेन्द्र
सिंह से मुखातिब होते हुए कहा-आप सामाजिक कर्तव्य के प्रति आप हमारी भावनाओं से
जुड़ें. आप तो देश भर में चक्कर काटते हैं. लेकिन अब देश के कम मध्यप्रदेश के
ज्यादा चक्कर लगाइए,ताकि हम कह सकें कि एमपी में पानी की कोई कमी
नहीं है.
जल पुरुष राजेन्द्र कुमार ने Mp की
जनता,सरकार और मुख्यमंत्री को बधाई दी. उन्होंने कहा पर्यावरण को बचाने
वाले असली नेता आप ही हैं.इस प्रदेश और सीएम ने पानी के बारे में सोचा जबकि दूसरे
राज्यों ने इस बारे में अभी विचार तक नहीं किया है.कमलनाथ जी आपने अपने समाज पर
विश्वास किया है.आप राइट टू वॉटर लागू कर पानी के झगड़ों को खत्म करके मालिकाना हक
देंगे.जल कानून पूरे देश के लिए बनना चाहिए. राजेन्द्र सिंह ने कहा,नदियों
को पुनर्जीवित करने का काम एमपी में शुरू हुआ. अब हमें पंचायतों और ग्राम सभाओं से
जुड़कर काम करना होगा.जल कानून जल सरंक्षण और अनुशासन को लाता है. अभी ये कानून
सिर्फ महाराष्ट्र में है ये कानून सारे देश मे लागू होना चाहिए. दूसरे राज्यों को
एमपी से सीखना चाहिए. उन्होंने कमलनाथ के केंद्रीय पर्यावरण मंत्री रहते कामों की
तारीफ भी की.
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