भोपाल ! मध्यप्रदेश के सीमावर्ती राज्य उत्तर प्रदेश
में एमपी की रेत ले जाने को लेकर दो राज्यों में ठन गई है। यूपी सरकार ने रेत
परिवहन को लेकर कमलनाथ सरकार द्वारा जारी निर्देशों को नजरअंदाज करते हुए अपने
राज्य में एमपी की रेत का परिवहन किए जाने पर रोक लगा दी है। इसकी जानकारी मिलने
के बाद अब राज्य के खनिज साधन विभाग ने उत्तर प्रदेश के खनिज महकमे को चिट्ठी लिखी
है और कहा है कि 31 मार्च तक पंचायतों और नगरीय निकायों के माध्यम
से रेत खनन व परिवहन की व्यवस्था प्रभावी है। इसलिए यहां से जाने वाली रेत पर रोक
नहीं लगाई जाए।
उत्तर प्रदेश सरकार के भूतत्व और खनिकर्म
निदेशालय ने एक आदेश जारी कर अपने राज्य के जिला अधिकारियों को पिछले माह निर्देश
दिए थे कि चूंकि एमपी में रेत परिवहन करने वाले वाहनों में इलेक्ट्रानिक एंट्री
लेटर के माध्यम से स्थानीय स्तर पर रेत का परिवहन किया जा सकता है। ऐसे वाहनों से
इलेक्ट्रानिक लेटर के माध्यम से अंतर्राज्यीय परिवहन की अनुमति नहीं है। इसलिए
उत्तर प्रदेश के राजस्व हित में ऐसे परिवहन प्रपत्र से परिवहन किया जाना
प्रतिबंधित किया जाता है। यूपी सरकार द्वारा जारी किए गए इस आदेश के उपरांत ज्यादा
मामले सामने आने पर यूपी सरकार की ओर से एमपी सरकार को चिट्ठी भी लिखी गई। इसके
बाद एमपी का खनिज साधन विभाग हरकत में आया और नियमों का हवाला देते हुए यूपी में
प्रतिबंध लागू नहीं करने के लिए जिला अधिकारियों को निर्देश जारी करने के लिए कहा
है।
खनिज साधन विभाग की ओर से यूपी सरकार को भेजे
गए पत्र में कहा है कि मध्यप्रदेश रेत नियम 2018 के प्रावधानों
के अधीन वर्तमान में प्रदेश की कुछ रेत खदानें पंचायतों और नगरीय निकायों द्वारा
संचालित की जा रही हैं। इन खदानों से इलेक्ट्रानिक लेटर के माध्यम से ही रेत लेकर
परिवहन की व्यवस्था जारी है। इस नियम में प्रावधान है कि वैध खदानों से अग्रिम
रायल्टी का भुगतान किए जाने के उपरांत इलेक्ट्रॉनिक लेटर जारी किए जाते हैं। इस
रेत को सीमावर्ती राज्यों में ले जाने की अनुमति है। ऐसे मामलों में परिवहन के
दौरान वाहनों की जांच सड़क पर नहीं की जा सकती। राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश रेत
(खनन, परिवहन, भंडारण और व्यापार) नियम 2019 का
नोटिफिकेशन किया जा चुका है। इस नियम के प्रावधानों के अधीन पंचायतों और नगरीय
निकायों को आवंटित खदानें 31 मार्च तक संचालित रहेगी।
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