....

भारत की पहचान सहिष्णुता की संस्कृति है - मुख्यमंत्री



मुख्यमंत्री ने कहा है कि देश में मध्यप्रदेश ही ऐसा प्रदेश है, जो विविधताओं से सम्पन्न है और पूरे विश्व में भारत ही ऐसा देश है, जो विविधताओं से पूर्ण है। इस विविधता को सकारात्मक ऊर्जा में बदलना होगा। उन्होंने कहा कि विविधता में भारत की बराबरी करने वाला देश सिर्फ सोवियत संघ था। आज वह अस्तित्व में नहीं है क्योंकि उसमें भारत जैसी सोच-समझ और सहिष्णुता की संस्कृति नहीं थी। यही भारत की पहचान है। मुख्यमंत्री आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी में आईएएस सर्विस मीट 2020 के शुभारंभ सत्र को संबोधित कर रहे थे।
न्याय की कोई सीमा नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो आईएएस अधिकारी अपनी सेवा यात्रा के मध्य में हैं और जो सेवा पूरी करने वाले हैं, वे चिंतन करें कि मध्यप्रदेश को वे कहाँ छोड़कर जाना चाहते हैं। जो अधिकारी अपनी सेवा यात्रा की शुरूआत कर रहे हैं, वे सोचें कि मध्यप्रदेश को कहाँ देखना चाहते हैं। श्री कमल नाथ ने प्रशासनिक अधिकारियों को न्याय देने वाला बताते हुए कहा कि संविधान में उल्लेखित स्वतंत्रता और समानता जैसे मूल्यों की सीमाएँ हो सकती हैं लेकिन न्याय की कोई सीमा नहीं है। यह हर समय और परिस्थिति में दिया जा सकता है। दृष्टिकोण में परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों के पास जो क्षमता और कौशल है, वह सामान्यत: राजनैतिक नेतृत्व के पास नहीं रहता। राजनैतिक नेतृत्व बदलते ही प्रशासनिक तंत्र का भी नया जन्म होता है लेकिन ज्ञान, कला, कौशल नहीं बदलते।

Share on Google Plus

click Anonymous

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment