भोपाल ।
प्रदेश के आगँनवाड़ी केन्द्र को बाल शिक्षा केन्द्र में परिवर्तित करने से बच्चों
में कई बदलाव देखने में आए है। अब बच्चे न सिर्फ आगँनवाड़ी केन्द्र जाने के लिए
पहले से ज्यादा उत्सुक हैं बल्कि माता-पिता भी अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल ना
भेजकर बाल शिक्षा केन्द्र भेज रहे हैं।
शाजापुर जिले के मोमन बड़ोदिया आगँनवाड़ी केन्द्र
को बाल शिक्षा केन्द्र में परिवर्तित किया गया है। प्राइवेट स्कूल में प्रवेश पा
चुके 3 वर्षीय चंचल और 4 वर्षीय गौरवांक के अभिभावकों ने इन बच्चों को वहाँ से
निकाल कर बाल शिक्षा केन्द्र में भेज दिया है। चंचल के पिता प्रेम नारायण और
गौरवांक के पिता गौरव बताते हैं कि बाल शिक्षा केन्द्र की कार्यकर्ता श्रीमती
कांता सोनी और पर्यवेक्षक श्रीमती किरण परमार ने उन्हें बताया था कि शासन द्वारा
आगँनवाड़ी केन्द्रों पर 3 से 6 वर्ष तक आयु वर्ग के बच्चों को प्री-प्रायमरी शिक्षा
की नि:शुल्क तैयारी कराई जा रही है। साथ ही, बच्चों को नई ड्रेस,
किताबें, खिलौने, टी.वी. आदि के माध्यम से शिक्षा दी जा
रही है। इसलिये हमने निर्णय लिया कि अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल के स्थान पर
बाल शिक्षा केन्द्र में भेजेंगे। दोनों बच्चों के पिता बच्चों को आगँनवाड़ी केन्द्र
में प्राइवेट स्कूल जैसी शिक्षा और सुविधाएँ मिलने से प्रसन्न हैं।
प्रदेश में पहले चरण में 313 आगँनवाड़ी केन्द्र
में बाल शिक्षा केन्द्र शुरू किये गये हैं। इन केन्द्रों में 6 वर्ष तक आयु वर्ग
के नैनिहालों को प्री-प्रायमरी शिक्षा की तैयारी कराई जा रही है। यहाँ आने वाले
बच्चों के लिए 19 विषयों का माहवार पाठ्यक्रम निर्धारित किया गया है। इसमें स्वयं
की पहचान, मेरा
घर, व्यक्तिगत
साफ-सफाई, रंग
और आकृति, तापमान
एवं पर्यावरण, पशु-पक्षी, यातायात के साधन, सुरक्षा के नियम, हमारे मददगार मौसम, बच्चों का आत्मविश्वास तथा हमारे
त्यौहार शामिल है। बच्चों के विकास की निगरानी के लिए शिशु विकास कार्ड भी बनाए गए
हैं।
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