भोपाल : मैग्निफिसेंट एमपी कार्यक्रम की रूपरेखा को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अंतिम रूप दे दिया है। तय किया गया है कि मंच पर कोई नहीं बैठेगा। मुख्यमंत्री सहित सभी अतिथि मंच के सामने बैठेंगे और जिसका भी नाम पुकारा जाएगा, वो मंच पर जाकर अपनी बात रखेगा।
इस दौरान चुनिंदा उद्योगपतियों के प्रस्तुतिकरण होंगे। पहले सत्र का कार्यक्रम ढाई से तीन घंटे का होगा। कार्यक्रम में उद्योग, कोयला, कौशल विकास और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के सचिव हिस्सा लेंगे।
उद्योग विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मंच पर बैठाने को लेकर किसी के मन में कोई बात न आए, इसके मद्देनजर तय किया गया है कि मंच पर कोई नहीं बैठेगा। जिसकी बारी आएगी, वो मंच पर जाएगा और अपनी बात रखेगा। इसके लिए नाम अंतिम समय में तय किए जाएंगे।
कुल 600 उद्योगपति, उद्योग संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती की ओर से प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य और संभावनाओं पर केंद्रित प्रस्तुतिकरण दिया जाएगा। मुख्यमंत्री कमलनाथ उद्योग और निवेश को लेकर सरकार का विजन रखेंगे। इसी दौरान उद्योग नीति में किए जा रहे बदलाव की जानकारी भी दी जाएगी।
सूत्रों का कहना है कि उद्योग और निवेश प्रोत्साहन नीति को उद्योगों की जरूरत के हिसाब से तैयार करने की दिशा में सरकार काम कर रही है। मैग्निफिसेंट एमपी से पहले कैबिनेट बैठक में नीति में आधा दर्जन से ज्यादा संशोधन किए जा सकते हैं। इसका मसौदा लगभग तैयार हो चुका है। इसमें फार्मा कंपनियों को पेटेंट कराने की सुविधा, प्रदूषण पर रोक लगाने एसटीपी प्लांट लगाने पर अधिक सहायता अनुदान देने के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी विचार किया जा रहा है। फार्मा सहित अन्य कंपनियों को कम जगह का ज्यादा उपयोग करने के लिए एफएआर (फ्लोर एरिया रेशो) में संशोधन किया जा सकता है।
कार्यक्रम में उद्योगपति निवेश के लिए उनके द्वारा उठाए जा रहे कामों की जानकारी देंगे। दोपहर बाद आठ सत्र होंगे। इनमें विभिन्न् क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं को लेकर चर्चा होगी।
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