जिनीवा : कश्मीर के मुद्दे पर लगातार मुंह की खा रहा पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र से फिर एक बार झटका लगा है। कश्मीर में मध्यस्थता मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र ने स्पष्ट कर दिया कि पाकिस्तान की अपील स्वीकार नहीं की जा सकती। यूएन महासचिव के प्रवक्ता की ओर से जारी बयान में स्पष्ट कहा गया है कि दोनों देशों को ही यह मुद्दा आपसी बातचीत के जरिए सुलझाना होगा।
बता दें कि कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका से मध्यस्थता की गुहार लगा चुके पाकिस्तान को यूएन ने अब दो टूक जवाब दे दिया है। यूएन के सेक्रेटरी जनरल के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, 'मध्यस्थता पर हमारी स्थिति पूर्ववत ही है, उसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। महासचिव ने दोनों देशों की सरकार से संपर्क किया है। जी-7 की बैठक में भारत के प्रधानमंत्री से मुलाकात कर इस पर चर्चा की और पाकिस्तान के विदेश मंत्री से इस पर बात हुई है।
बता दें कि कई अन्य देशों की ही तरह यूएन ने भी कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय बताया है। भारत हमेशा से ही मध्यस्थता की संभावना से इनकार करता रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने कश्मीर पर जारी तनाव पर स्पष्ट कहा कि दोनों देशों को शांतिपूर्ण तरीके से इस मुद्दे का समाधान ढूंढ़ना चाहिए। दोनों ही देशों को बातचीत के जरिए कश्मीर का हल ढूंढ़ना होगा। बता दें कि भारत का स्पष्ट पक्ष है कि कश्मीर का मुद्दा द्विपक्षीय है और इसमें किसी प्रकार की मध्यस्थता या किसी तीसरे पक्ष का दखल भारत को स्वीकार नहीं है।
बता दें कि कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका से मध्यस्थता की गुहार लगा चुके पाकिस्तान को यूएन ने अब दो टूक जवाब दे दिया है। यूएन के सेक्रेटरी जनरल के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, 'मध्यस्थता पर हमारी स्थिति पूर्ववत ही है, उसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। महासचिव ने दोनों देशों की सरकार से संपर्क किया है। जी-7 की बैठक में भारत के प्रधानमंत्री से मुलाकात कर इस पर चर्चा की और पाकिस्तान के विदेश मंत्री से इस पर बात हुई है।
बता दें कि कई अन्य देशों की ही तरह यूएन ने भी कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय बताया है। भारत हमेशा से ही मध्यस्थता की संभावना से इनकार करता रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने कश्मीर पर जारी तनाव पर स्पष्ट कहा कि दोनों देशों को शांतिपूर्ण तरीके से इस मुद्दे का समाधान ढूंढ़ना चाहिए। दोनों ही देशों को बातचीत के जरिए कश्मीर का हल ढूंढ़ना होगा। बता दें कि भारत का स्पष्ट पक्ष है कि कश्मीर का मुद्दा द्विपक्षीय है और इसमें किसी प्रकार की मध्यस्थता या किसी तीसरे पक्ष का दखल भारत को स्वीकार नहीं है।
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