जानकारी अनुसार इस कार्यक्रम में हुआ पूरा खर्च दिग्विजय सिंह के चुनाव खर्च खाते में जोड़ा जाएगा। बता दें कि बुधवार को कंप्यूटर बाबा के नेतृत्व में सैकड़ों साधु-संतों ने भोपाल में हठयोग किया था।
इसमें साढ़े चार लाख रुपये का खर्च आया था। यही नहीं, भाजपा के शिकायत पर आचार संहिता के उल्लंघन मामले में कंप्यूटर बाबा को नोटिस जारी किया गया है।
गौरतलब है कि इसे धार्मिक कार्यक्रम बताकर संत समागम की अनुमति ली गई थी, लेकिन दिग्विजय इस कार्यक्रम में पहुंच गए। इससे यह कार्यक्रम राजनैतिक हो गया। इसके बाद जिला निर्वाचन कार्यालय ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए कंप्यूटर बाबा को नोटिस जारी किया।
चुनाव आयोग ने बाबा से इसे लेकर 24 घंटे में जवाब मांगा है। इसके साथ ही कार्यक्रम का पूरा खर्च दिग्विजय सिंह के खाते में जोड़ने का फैसला किया गया है। प्रेक्षक द्वारा करवाई गई वीडियोग्राफी देखकर कार्यक्रम का खर्च साढ़े चार लाख रुपये आंका गया है।
भाजपा की शिवराज सरकार में उनको उनको मंत्री का दर्जा भी प्राप्त था। वे पिछले कुछ समय से भाजपा और शिवराज सिंह को निशाना बना रहे हैं। बाबा कांग्रेस के स्टार प्रचारक भी हैं।
उन्होंने साध्वी प्रज्ञा पर तंज कसते हुए कहा था कि साधु के भेष बनाने से कोई साधु नहीं हो जाता। रावण ने भी तो साधु का वेश में ही सीता का हरण किया था।
बता दें कि मध्य प्रदेश के 29 लोकसभा क्षेत्रों में से 16 पर मतदान अभी शेष है। 12 मई को छठे चरण में भोपाल, सीट पर मतदान होना है। यहां से कांग्रेस के दिग्विजय सिंह के सामने भाजपा ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को उतारा है।
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