इस्लामाबाद : प्रधानमंत्री इमरान खान ने पुलवामा हमले में पाकिस्तान का हाथ होने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर भारत ने हमला किया तो इसका जवाब दिया जाएगा।
हम स्थिरता चाहते हैं, ऐसे में हमले की साजिश क्यों रचेंगे? इमरान ने यह भी कहा- हम दहशतगर्दी पर भी बात करने को तैयार हैं। भारत सोचे कि कश्मीर के युवा मरने-मारने पर क्यों उतर आए? हालांकि, पाकिस्तानी पीएम की सफाई से भारत कतई संतुष्ट नहीं है।
उसने कहा है कि पाकिस्तान दुनिया को गुमराह करना छोड़े। पाकिस्तान का खुद को आतंकवाद का सबसे बड़ा शिकार होने की बात करना सच से बहुत दूर है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस वास्तविकता से अच्छी तरह परिचित है कि पाकिस्तान ही आतंकवाद का केंद्र है।ले में पाक सेना का हाथ है।
14 फरवरी को पुलवामा के लेथपोरा में हुए फिदायीन हमले में भारत के 40 जवान शहीद हो गए थे। 18 फरवरी को सुरक्षा बलों ने हमले के मास्टरमाइंड कामरान को पुलवामा के पिंगलेना में मार गिराया।
इस बीच, भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, हमें इस बात पर कोई हैरानी नहीं है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने पुलवामा में हमारे सुरक्षा बलों पर हमले को आतंकी कार्रवाई मानने से इनकार कर दिया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने न तो इस जघन्य कृत्य की निंदा की और न ही शोक संतप्त परिवारों के प्रति शोक प्रकट किया।
हम स्थिरता चाहते हैं, ऐसे में हमले की साजिश क्यों रचेंगे? इमरान ने यह भी कहा- हम दहशतगर्दी पर भी बात करने को तैयार हैं। भारत सोचे कि कश्मीर के युवा मरने-मारने पर क्यों उतर आए? हालांकि, पाकिस्तानी पीएम की सफाई से भारत कतई संतुष्ट नहीं है।
उसने कहा है कि पाकिस्तान दुनिया को गुमराह करना छोड़े। पाकिस्तान का खुद को आतंकवाद का सबसे बड़ा शिकार होने की बात करना सच से बहुत दूर है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस वास्तविकता से अच्छी तरह परिचित है कि पाकिस्तान ही आतंकवाद का केंद्र है।ले में पाक सेना का हाथ है।
14 फरवरी को पुलवामा के लेथपोरा में हुए फिदायीन हमले में भारत के 40 जवान शहीद हो गए थे। 18 फरवरी को सुरक्षा बलों ने हमले के मास्टरमाइंड कामरान को पुलवामा के पिंगलेना में मार गिराया।
इस बीच, भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, हमें इस बात पर कोई हैरानी नहीं है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने पुलवामा में हमारे सुरक्षा बलों पर हमले को आतंकी कार्रवाई मानने से इनकार कर दिया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने न तो इस जघन्य कृत्य की निंदा की और न ही शोक संतप्त परिवारों के प्रति शोक प्रकट किया।
विदेश मंत्रालय ने कहा, पाकिस्तानी पीएम ने जैश-ए-मोहम्मद के साथ-साथ आतंकियों के उन दावों को भी नजरअंदाज कर दिया, जिन्होंने ऐसे जघन्य अपराध को अंजाम दिया।
यह एक सर्वविदित तथ्य है कि जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान में रह रहा है। पाकिस्तान के पास कार्रवाई करने के लिए यह सबूत पर्याप्त है।
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