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पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी का निधन, 7 दिन का राष्ट्रीय शोक, आधा झुका रहेगा तिरंगा


भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उनके निधन पर देश-विदेश से शोक संदेशों का तांता लगा रहा. 
वाजपेयी के निधन पर सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है. 16 से 22 अगस्त तक राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है. इस दौरान देश का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा झुका रहेगा.
अटल बिहारी का अंतिम संस्कार शुक्रवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ 5 बजे किया जाएगा. इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री का पार्थिव शरीर उनके निवास स्थान पर लोगों के दर्शनार्थ रखा जाएगा.
  विशेष बैठक बुलाकर शोक संदेश पारित किया, जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी को महान देशभक्त, दूरदर्शी नेता एवं स्वतंत्रता सेनानी बताया गया. 
पूर्व प्रधानमंत्री को 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था. जहां पिछले दो दिन से उनकी तबियत बिगड़ रही थी.
 गुरुवार को उन्होंने शाम 5 बजकर 5 मिनट पर अंतिम सांस ली. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर आज मोदी सरकार के कई मंत्रियों ने दुख जताया और कहा कि वह हमेशा लोगों के दिलों में रहेंगे. 
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का दिल्ली के एम्स में गुरुवार शाम पांच बजकर पांच मिनट पर निधन हो गया. इसके बाद देश भर में शोक की लहर दौड़ गई. वहीं, वाजपेयी के निधन के बाद नेताओं और अन्य हस्तियों का एम्स में तांता लग गया. 

वाजपेयी के निधन की जानकारी सामने आते ही केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी एम्स पहुंच गए. अटल बिहारी वाजपेयी का पार्थिव शरीर दिल्ली के कृष्णा मेनन मार्ग स्थित आवास पर रखा गया.

फिल्म अभिनेता और वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे शत्रुघ्न सिन्हा ने उनके निधन पर कहा कि उन्होंने एक तरह से अपना पिता खो दिया है. 

उनके निधन से भारतीय राजनीति में एक युग का अंत हो गया है. वह न सिर्फ महान राजनेता थे बल्कि शानदार वक्ता भी थे. उनके जाने से ऐसा लग रहा है कि हम अनाथ हो गए हैं.
बीजेपी सांसद सिन्हा ने कहा, 'मैं आज अनाथ महसूस कर रहा हूं. वह एक सच्चे राजनेता और अतुलनीय वक्ता भी थे.' उन्होंने लाल कृष्ण आडवाणी को गॉडफादर करार दिया तो वाजपेयी को पितातुल्य बताया और हमें राष्ट्र निर्माण में राजधर्म का पालन करना चाहिए.
यूपीए अध्यक्ष और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी वाजपेयी के निधन पर शोक जताया. उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से उन्हें गहरा दुख हुआ है. वह लोकतांत्रिक मूल्यों को समझते थे और बतौर सांसद, कैबिनेट मंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में हमेशा इसी का प्रदर्शन किया है. वह एक महान वक्ता थे.
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