इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा को अभेद्य कर दिया गया है। आइए जानते हैं उनके छह स्तरीय सुरक्षा कवच के बारे में । प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा के दौरान 108 एनएसजी कमांडो तैनात होते हैं। यह सुरक्षा कई लेयर में होती है।
इतना ही नहीं विदेश दौरे के दौरान उड़ान भरते वक्त प्रधानमंत्री को एयरफोर्स सुरक्षा मुहैया कराती है। उड़ान से पहले एयरपोर्ट पर दो विमान खड़े रहते हैं। अगर एक दिक्कत करे तो दूसरे से उड़ान भरी जा सके। उड़ान और लैंडिंग के वक्त पूरा क्षेत्र नो फ्लाई जोन घोषित होता है।प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में तैनात एक हजार जवान अभेद्य किले की तरह हैं।
एनएसजी के कमांडो उन्हें जेड प्लस सुरक्षा घेरे में रखते हैं। प्रधानमंत्री के सरकारी आवास की सुरक्षा के लिए 500 जवान हर वक्त मुस्तैद होते हैं। यह सुरक्षा भी लेयर में होती है। आवास में प्रवेश करने वालों की गहरी छानबीन की जाती है।
पीएम की सुरक्षा में तैनात जवान एफएन- 2000, पी-90, ग्लॉक 17-19 और एफएन-5 व 7 जैसे हथियारों से लैस रहते हैं। ये जवान अपने हथियारों से एक मिनट के भीतर आठ सौ तक गोलियां दाग सकते हैं। प्रधानमंत्री के पास खास किस्म की बुलेटप्रूफ कार होती है।
उनके काफिले में दो डमी कारें भी मुख्य कार के आगे-पीछे चलती हैं। उनके काफिले में छह बीएमडब्ल्यू एक्स थ्री कारें, मर्सिडीज बेंज की एम्बुलेंस, टाटा सफारी के जैमर वाहन के अलावा दिल्ली पुलिस के एस्कॉर्ट वाहन शामिल है। ये सभी कारें खास सुरक्षा उपकरणों से लैस होती हैं।
बंदूक की गोलियों तो दूर इन पर लैंड माइन तक का असर नहीं होता। इन कारों का फ्यूल टैंक लैंड माइन फटने या बम से किए गए हमले के बाद भी ब्लास्ट नहीं हाेता है। इन कारों का चैंबर गैस प्रूफ होता है। यह रासायनिक हमला होने पर पूरे चैंबर में ऑक्सीजन की सप्लाई करता है।
विशेष सुरक्षा बल से स्वीकृति के बिना अब कोई मंत्री और अधिकारी भी प्रधानमंत्री मोदी के आसपास भी नहीं जा सकेगा। प्रधानमंत्री की नजदीकी सुरक्षा टीम (सीपीटी) को नए-दिशा निर्देश दिए गए हैं। साथ ही कहा गया है कि अधिक खतरे की स्थिति और निर्देशों को देखते हुए अगर जरूरत पड़े तो वह किसी मंत्री या अधिकारी की बाकायदा तलाशी भी ले सकते हैं।
मोदी के लिए अब तक का सबसे बड़ा खतरा देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को सुरक्षा के नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। गृह मंत्रालय ने यहां तक कह दिया है कि स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की क्लियरेंस के बगैर प्रधानमंत्री के नजदीक मंत्री और अफसर भी नहीं जा सकेंगे।
पीएम को कड़े सुरक्षा मानकों के चलते आगामी चुनावों के मद्देनजर रोड शो के बजाय जनसभाएं करने की सलाह दी गई है। संबंधित अधिकारियों के अनुसार प्रधानमंत्री पर हमले का अब तक का सबसे बड़ा खतरा मंडरा रहा है।
2019 के आम चुनावों के मद्देनजर वह सबसे अधिक निशाने पर हैं। ऐसा समझा जाता है कि एसपीजी ने प्रधानमंत्री मोदी को सलाह दी है कि वह सत्तारूढ़ भाजपा के मुख्य प्रचारक होने के नाते अपने रोड शो में कटौती करें।
इसके बजाय प्रचार अभियान के लिए वह जनसभाओं को अधिक संबोधित करें, क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान उनके लिए खतरा बढ़ सकता है।विगत सात जून को पुणे पुलिस ने एक अदालत में जानकारी दी थी कि प्रतिबंधित भाकपा (माओ) से जुड़े पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से एक दिल्ली में रह रहा था।
उसके घर से एक पत्र जब्त किया गया है जिसमें प्रधानमंत्री मोदी पर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तर्ज पर आत्मघाती हमले की साजिश का ब्योरा है। सुरक्षा एजेंसियां केरल के अलगाववादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) पर भी कड़ी नजर रख रही हैं।
पश्चिम बंगाल की हाल की यात्र के दौरान एक व्यक्ति छह स्तरीय सुरक्षा घेरे को तोड़कर पीएम मोदी के पैर छूने में कामयाब हो गया। इस घटना से सुरक्षा एजेंसियों के हाथ-पांव फूल गए हैं। इन दो घटनाक्रमों के चलते गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गृह सचिव राजीव गौबा और आइबी निदेशक राजीव जैन के साथ बैठक की है। इसमें खुफिया एजेंसियों के ताजा इनपुट में प्रधानमंत्री के जीवन पर खतरे को देखते हुए उनकी सुरक्षा की समीक्षा की गई।
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