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भय्यूजी महाराज ने सिर पर गोली मारकर की खुदकुशी

इंदौर  : संत भय्यूजी महाराज ने मंगलवार को इंदौर में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उनके सुसाइड नोट के अनुसार भय्यूजी महाराज ने मानसिक अवसाद और तनाव के चलते ऐसा कदम उठाया। 
पुलिस को घटनास्थल से उनका लिखा सुसाइड नोट भी मिल चुका है। परिजन उन्हें लेकर स्थानीय बॉम्बे हॉस्पिटल पहुंचे थे, लेकिन बताया जा रहा है कि अस्पताल लाने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया था। भय्यू महाराज ने अपनी दाई कनपटी पर गोली मारी।
मिली जानकारी के मुताबिक पारिवारिक कलह या अवसाद के कारण भय्यू महाराज ने ये कदम उठाया। डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्रा ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि भय्यू महाराज ने दाईं कनपटी पर गोली मारी।
 भय्यू महाराज ने सिल्वर स्प्रिंग स्थित अपने निवास पर खुद को गोली मारी। घटना की जानकारी मिलते ही फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंच गई थी। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें मानसिक तनाव और अवसाद का जिक्र किया गया है। 

भय्यू महाराज के अनुयायियों के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से वे तनाव में जरूर थे लेकिन वे इतना बड़ा कदम उठा लेंगे इसका अंदाजा भी उन्हें नहीं था। 
भय्यू महाराज को गोली लगने की जानकारी मिलने के बाद बड़ी संख्या में उनके अनुयायी हॉस्पिटल पहुंच गए थे। लेकिन उनकी मौत की सूचना ने सभी को हतप्रभ कर दिया।भय्यू महाराज की पहचान एक मॉर्डन संत के रूप में थी। वे एक समय मॉडलिंग से भी जुड़े रहे। लेकिन पिछले कुछ समय से वे अवसाद से जुझ रहे थे। उन्होंने हिन्दू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपनाने की बात भी कही थी।
 मालवा के शुजालपुर प्रांत से निकलकर देश-विदेश में अपनी आध्यात्मिक छवि के लिए पहचाने जाने वाले भय्यू महाराज ने मॉडलिंग के दुनिया से अपना करियर शुरू किया था और उसके बाद उन्होने शोहरत भरी मॉडलिंग की जिंदगी को अलविदा कहकर आध्यात्म के सफर पर चलना तय किया।
 उनके भक्तों की फेहरिस्त में लता मंगेशकर से लेकर महाराष्ट्र की और देश- दुनिया की नामी हस्तियां रही है। जिनमें पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, पीएम नरेंद्र मोदी, शिवसेना के उद्धव ठाकरे, मनसे के राज ठाकरे, आशा भोसले, अनुराधा पौडवाल, फिल्म एक्टर मिलिंद गुणाजी भी शामिल हैं। भय्यू महाराज से मिलने अब तक आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान और गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल सहित कई बड़ी हस्तियां उनके आश्रम में आ चुकी हैं।

सद्भावना उपवास के दौरान उनको नरेंद्र मोदी ने बुलाया था। गुजरात पीएम बनने के पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी सद्भावना उपवास पर बैठे थे। तब उपवास खुलवाने के लिए उन्होंने देश भर के शीर्ष संत, महात्मा और धर्मगुरुओं को आमंत्रित किया था। उसमें भय्यू महाराज भी शामिल थे।

भय्यू महाराज चर्चा में तब आए जब अन्ना हजारे के अनशन को खत्म करवाने के लिए तत्कालीन केंद्र सरकार ने अपना दूत बनाकर भेजा था। बाद में अन्ना ने उनके हाथ से जूस पीकर अनशन तोड़ा था। 

इसके अलावा पीएम बनने के पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी सद्भावना उपवास पर बैठे थे। तब उपवास खुलवाने के लिए उन्होंने भय्यू महाराज को आमंत्रित किया था।  हाल ही में मप्र सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया था, लेकिन उन्होंने लौटा दिया था।
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