गुजरात के नरोदा पाटिया में साल 2002 दंगा केस में गुजरात हाई कोर्ट ने तीन दोषियों को 10 साल की सजा सुनाई है।
इनके नाम उमेश सुराभाई भरवाड़, पदमेंन्द्र सिंह जसवंत सिंह राजपूत और राजकुमार उर्फ़ राजू गोपीराम चौमल है। इसके साथ ही, अदालत ने तीनों पर एक हज़ार रूपये का जुर्माना लगाया है।
गौरतलब है कि साल 2012 के एक फ़ैसले में तीनों दोषियों- पीजी राजपूत, राजकुमार चौमल और उमेश भरवाडॉ समेत 29 दूसरे को एसआईटी की विशेष अदालत ने बरी कर दिया था।
लेकिन उसके बाद याचिकाओं की सुनवाई के दौरान गुजरात हाईकोर्ट ने इस साल 20 अप्रैल को इन तीनों को आगज़ानी करने और हिंसक भीड़ का हिस्सा बनने का दोषी पाया जबकि बाक़ी 29 लोगों को बरी कर दिया था।
गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के कुछ डिब्बे जलाए जाने के बाद भड़के दंगे में नरोदा पाटिया में सबसे ज्यादा हिंसा वाले इलाकों में से एक हैं।
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