भोपाल : प्रदेश के अधिकारियों-कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों की तरह अब सात प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) मिलेगा।
प्रदेश सरकार ने कैबिनेट में मंगलवार को सातवें वेतनमान में दो प्रतिशत डीए बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। छठवां वेतनमान प्राप्त कर रहे अधिकारियों-कर्मचारियों का डीए तीन फीसदी बढ़ाया गया है।
पेंशनरों को बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता छत्तीसगढ़ की सहमति मिलने के बाद दिया जाएगा। वहीं, एक साल तक खाली रहने वाले नियमित व पदोन्नति के पदों पर संविदा नियुक्ति दी जाएगी। इसके लिए संविदा नियुक्ति नियमों में संशोधन को मंजूरी मिल गई है।
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि कर्मचारियों के हित में एक जनवरी 2018 से महंगाई भत्ता बढ़ाने का फैसला लिया गया है। इससे सरकार के खजाने पर सालाना 700 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा।
इस निर्णय के दायरे में स्थानीय निकायों के अध्यापक, पंचायत सचिव और स्थाईकर्मी भी आएंगे। बढ़े हुए महंगाई भत्ते का भुगतान नकद किया जाएगा।
पेंशनरों और परिवार पेंशनरों को बढ़ा हुआ डीए छत्तीसगढ़ से सहमति मिलने के बाद मिलेगा। जिन्हें छठवां वेतनमान मिल रहा है, उनका डीए तीन फीसदी बढ़ेगा।
इसी तरह खाली पदों को भरने के लिए सरकार ने संविदा नियुक्ति नियम में संशोधन करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी।
अब सामान्य प्रशासन विभाग की सहमति लेकर नियमित और पदोन्नति के ऐसे पद, जिनका एक साल में भरना संभव नहीं है, उन पर संविदा नियुक्ति दी जाएगी। ऐसे प्रस्तावों की छानबीन अब सामान्य प्रश्ाासन विभाग में गठित होने वाली छानबीन समिति करेगी।
इसके बाद ही प्रस्ताव कैबिनेट में प्रस्तुत किए जाएंगे। सार्वजनिक उपक्रम, निगम, मंडल, आयोग और विश्वविद्यालयों के लिए भी यही नियम लागू होंगे।
संविदा शाला शिक्षक, वनरक्षक या तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के किसी भी पद के लिए भारिया जनजाति के युवा न्यूनतम योग्यता रखते हैं तो उन्हें परीक्षा में शामिल नहीं किया जाएगा।
इसके लिए कैबिनेट ने लोकसेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के आरक्षण) नियम 1998 में संशोधन को मंजूरी दे दी।
इससे छिंदवाड़ा के तामिया विकासखंड के भारिया को मिलने वाली भर्ती प्रक्रिया में छूट का लाभ पूरे छिंदवाड़ा और सिवनी जिले के आवेदकों को मिलेगा।
प्रदेश में स्मार्ट सिटी मिशन योजना निरंतर रहेगी। इसके लिए एक हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
केंद्र सरकार पांच साल में योजना में चयनित शहरों को 100 करोड़ रुपए के हिसाब से 500 करोड़ रुपए अनुदान के रूप में देगी। इतनी ही राशि राज्य सरकार भी देगी।
रतलाम और शहडोल मेडिकल कॉलेल के भवन व परिसर निर्माण के लिए अब लगभग छह सौ करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। कैबिनेट में पहले के प्रस्तावों में संशोधन को मंजूर करते हुए राशि बढ़ा दी है।
इसी तरह जबलपुर में टीबी चेस्ट उपचार यूनिट को राष्ट्रीय स्तर का बनाने अब 24.75 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। रीवा की मानसिक आरोग्यशाला के लिए पांच फैकल्टी सपोर्ट योजना के तहत पांच पद स्वीकृत किए हैं। कैबिनेट ने मानव अंग प्रतिरोपण अधिनियम की शर्तों को अपनाने को मंजूरी दे दी।
बैठक में आधा दर्जन सिंचाई परियोजना और उसके डूब क्षेत्र में आने वाले किसानों को विशेष पुनर्वास पैकेज देने का फैसला किया गया।
इसके तहत लोअर ओर वृहद सिंचाई परियोजना के लिए विशेष पैकेज 199.56 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 236 करोड़, कारम और छीताखुदरी मध्यम सिंचाई परियोजना में मुआवजा दस लाख रुपए प्रति हेक्टेयर दिया जाएगा। पार्वती परियोजना के लिए 1 हजार 815 करोड़ रुपए की प्रशासकीय मंजूरी दी गई। इस योजना से नरसिंहगढ़ और बैरसिया के 132 गांवों को फायदा होगा।
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