चक्रवाती तूफान ओखी ने लक्षद्वीप द्वीपसमूह में तबाही मचा दिया है और केरल में समुद्र तट के पास से नौसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से मछुआरों के पांच और शव बरामद किए गए।
केरल और पड़ोसी तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले में तूफान से सात और लोगों के मरने की रिपोर्ट के साथ ही मृतक बढ़कर 19 हो गई है। लक्षद्वीप में हालांकि किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
ओखी प्रभावित तटवर्ती इलाकों में भय और दहशत का माहौल व्याप्त है। समुद्र में मछली मारने गए कन्याकुमारी के 1000 मछुआरों के लापता होने की रिपोर्ट है।
मछुआरों के परिजनों के मुताबिक ये सभी करीब 100 नावों की मदद से मछली पकड़ने चार दिन पहले समुद्र में उतरे थे।
ओखी प्रभावित इलाकों में नौ सेना, वायु सेना और तटरक्षक दल ने संयुक्त राहत और बचाव कार्य शुरू किया है। पिछले दो दिनों के दौरान उपद्रवग्रस्त समुद्र में फंसे 430 मछुआरों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
दूसरी तरफ लापता 8० मछुआरों के गुस्साए परिजनों ने लापता मछुआरों को वापस लाने के लिए तुरंत आवश्यक कदम उठाने की मांग को लेकर व्यस्त राष्ट्रीय राजमार्ग को कझाकूट्टम के पास जाम कर दिया।
मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने कहा कि हमें लक्षद्वीप द्वीपसमूह के काल्पेनी द्वीप पर 138 लापता मछुआरों के पहुंच जाने की सूचना मिली है और वहां से उन्हें वापस लाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु को तूफान से हुई बबार्दी से उबरने में हरसंभव मदद करने का वादा किया है। राज्य के मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी ने ओखी से गंभीर रूप से प्रभावित कन्याकुमारी जिले में बचाव, राहत और पुनवार्स के लिए तत्काल 25 करोड़ आवंटित करने की घोषणा की।
केरल में उनके समकक्ष विजयन ने मृतक मछुआरे के परिजनों को 10-10 लाख रुपये सहायता राशि देने की घोषणा करते हुए राज्य में तूफान के कारण क्षतिग्रस्त संपत्ति और फसल के नुक्सान की भी भरपायी की जाएगी।
घायलों को 20-20 हजार रुपये की मदद दी जाएगी। ओखी के लक्षद्वीप में अरब सागर की ओर बढ़ने के बाद केरल और तमिलनाडु में कई स्थानों पर बारिश शुरू हो गई। ओखी चक्रवाती तूफान शनिवार सुबह लक्षद्वीप में पहुंच गई और इसके अगले 24 घंटे में और गहराने की उम्मीद है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक ओखी अगले 48 घंटों के दौरान उत्तर में मुंबई और गुजरात की ओर बढ़ने की संभावना है।
स्थानीय मौसम अधिकारियों के मुताबिक अगले 24 घंटे के दौरान केरल तट और इसके आस-पास हवा की गति 45-55 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर 65 किमी प्रति घंटा हो जाने की उम्मीद है। मौसम कायार्लय ने अगले कुछ दिनों तक मछुआरों को समुद्र में नहीं उतरने की चेतावनी जारी की है।
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