नई दिल्ली : केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने रोहिंग्या मुस्लिमों को निर्वासित करने के सरकार के फैसले का बचाव किया। रिजिजू ने कहा कि रोहिंग्या अवैध प्रवासी हैं, और उनके पास सामान्य भारतीयों की तरह समान अधिकार नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय संगठन व मानव अधिकार संस्थाओं का सरकार को दोष देना सही नहीं है कि सरकार रोहिंग्या मुस्लिमों के प्रति कठोर हो रही है।
रिजिजू ने एक प्रेस सम्मेलन में कहा, मैं यह बात साफ कर दूं कि रोहिंग्या अवैध प्रवासी हैं और भारतीय नागरिक नहीं हैं. इसलिए वे किसी चीज के हकदार नहीं हैं, जिसका कि कोई आम भारतीय नागरिक हकदार है।
उन्होंने रोहिंग्या मुस्लिमों के निर्वासन पर संसद में दिए गए अपने बयान पर कहा कि रोहिंग्या लोगों को निकालना पूरी तरह से कानूनी स्थिति पर आधारित है।
उन्होंने कहा, रोहिंग्या अवैध प्रवासी हैं और कानून के मुताबिक उन्हें निर्वासित होना है। इसलिए हमने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे रोहिग्या मुस्लिमों की पहचान के लिए कार्यबल गठित करें और उनके निर्वासन की प्रक्रिया शुरू करें।
रिजिजू ने कहा, यह पूरी तरह से वैध प्रक्रिया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा राष्ट्र है, जहां लोकतांत्रिक परंपरा है।
उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय संगठन व मानव अधिकार संस्थाओं का सरकार को दोष देना सही नहीं है कि सरकार रोहिंग्या मुस्लिमों के प्रति कठोर हो रही है।
रिजिजू ने एक प्रेस सम्मेलन में कहा, मैं यह बात साफ कर दूं कि रोहिंग्या अवैध प्रवासी हैं और भारतीय नागरिक नहीं हैं. इसलिए वे किसी चीज के हकदार नहीं हैं, जिसका कि कोई आम भारतीय नागरिक हकदार है।
उन्होंने रोहिंग्या मुस्लिमों के निर्वासन पर संसद में दिए गए अपने बयान पर कहा कि रोहिंग्या लोगों को निकालना पूरी तरह से कानूनी स्थिति पर आधारित है।
उन्होंने कहा, रोहिंग्या अवैध प्रवासी हैं और कानून के मुताबिक उन्हें निर्वासित होना है। इसलिए हमने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे रोहिग्या मुस्लिमों की पहचान के लिए कार्यबल गठित करें और उनके निर्वासन की प्रक्रिया शुरू करें।
रिजिजू ने कहा, यह पूरी तरह से वैध प्रक्रिया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा राष्ट्र है, जहां लोकतांत्रिक परंपरा है।
0 comments:
Post a Comment