नई दिल्ली : सिक्किम से सटे चीन के बॉर्डर पर टेंशन काफी बढ़ चुका है। गहमा गहमी के माहौल के बीच भारत की तरफ से डोका ला इलाके में और सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी गई है।
भारत चीन युद्ध (1962) के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है जब इलाके में भारत और चीन के बीच इतने लंबे वक्त तक गतिरोध बना हुआ है। ऐसी स्थिति करीबी 1 महीने से बनी हुई है।
सूत्रों के मुताबिक चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी की तरफ से भारतीय सेना के 2 बंकरों को तबाह करने की गतिविधि के बाद भारत ने और ज्यादा सैनिकों को भेजा है।
सूत्रों ने पहली बार दोनों सेनाओं के बीच ताजा गतिरोध के बारे में ज्यादा जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि 1 जून को पीएलए ने भारतीय सेना से डोका ला में 2012 में बने अपने दो बंकरों को हटाने के लिए कहा था। डोका ला भारत, भूटान और तिब्बत से सटने वाली चुम्बी घाटी के नजदीक है।
भारत चीन युद्ध (1962) के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है जब इलाके में भारत और चीन के बीच इतने लंबे वक्त तक गतिरोध बना हुआ है। ऐसी स्थिति करीबी 1 महीने से बनी हुई है।
सूत्रों के मुताबिक चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी की तरफ से भारतीय सेना के 2 बंकरों को तबाह करने की गतिविधि के बाद भारत ने और ज्यादा सैनिकों को भेजा है।
सूत्रों ने पहली बार दोनों सेनाओं के बीच ताजा गतिरोध के बारे में ज्यादा जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि 1 जून को पीएलए ने भारतीय सेना से डोका ला में 2012 में बने अपने दो बंकरों को हटाने के लिए कहा था। डोका ला भारत, भूटान और तिब्बत से सटने वाली चुम्बी घाटी के नजदीक है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डोका ला इलाके में भारतीय सेनाबल पिछले कई सालों से गश्त करती रही है।
लिहाजा अब यहां 2 बंकर बनाने का फैसला किया गया था। सूत्रों के अनुसार बंकरों को हटाने को लेकर 1 जून को चीन की सेना की तरफ से दी गई चेतावनी के बाद इसकी सूचना पश्चिम बंगाल के सुकना में स्थित 33 कॉर्प्स हेडक्वॉर्टर को दी गई।
6 जून की रात को भी चीन के 2 बुलडोजरों ने भारतीय सेना के बंकरों को नष्ट कर दिया। चीनी सेना का कहना है कि यह इलाका उनका है और यहां पर भारत या भूटान का कोई हक नहीं है।
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