जबलपुर : भारत महाशक्ति की दौड़ में नहीं है, वह विश्वगुरु बनेगा। हथियारों और पैसे के बल पर अमेरिका महाशक्ति बन चुका है।
चीन महाशक्ति की दौड़ में है लेकिन भारत सांस्कृतिक मूल्यों, सेवाभाव, योग और नैतिक शिक्षा के बल पर विश्वगुरू बनेगा।
यह बात राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के सरसंघ चालक डॉ. मोहन भागवत ने जबलपुर के समीप चरगवां स्थित देवजी नेत्रालय के लोकार्पण के अवसर पर कही।
डॉ. भागवत ने कहा कि छुआछूत से हमने अपनों को दूर कर लिया है। इसी आधार पर अंग्रेजों ने हमें बांटकर सैकड़ों साल शासन किया।
हमें सभी को अपनाकर पीड़ितों की सेवा करना है जिससे हम सभी को अपने साथ जोड़ सकें। आज संघ के 01 लाख 70 हजार से ज्यादा स्वयंसेवक अपने सेवा प्रकल्प चला रहे हैं, जिसमें करोड़ों लोगों की सेवा की जा रही है।
मानस भवन में पूर्व संघ प्रचारक स्व. मोरूभाऊ मुंजे जन्मशताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए सरसंघ चालक ने कहा आरएसएस 90 साल की तपस्या से खड़ा हुआ संगठन है।
अब जाकर समय अनुकूल हुआ है इसलिए ग्लैमर है। इस दौरान स्वयंसेवक संयम बरतें क्योंकि कभी समय प्रतिकूल हुआ तो हमें खुद ही खड़ा होना होगा।
संघ में सिर्फ समर्पण की क्वालिफिकेशन होना जरूरी है। इस दौरान उन्होंने मोरुभाऊ मुंजे पर उनके पुत्र दीपक मुंजे की लिखी किताब गृहस्थ प्रचारक का विमोचन भी किया।
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