इन सवालों के जवाब के लिए तो वक्त बीतने का इंतजार करना होगा, लेकिन जो जानकारी सामने आ रही है उससे ये संकेत मिल रहे हैं कि योगी की सरकार में पीएम मोदी का अंदाज दिख सकता है.
ये बात हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि शपथग्रहण समारोह के बाद जब पहली बार योगी ने मंत्रिमंडल के सहयोगियों से मुलाकात की तो ठीक पीएम मोदी की तरह पंद्रह दिन के अंदर उनकी संपत्ति का ब्योरा मांग लिया.
संकेत साफ है कि मोदी की तरह योगी भी अपनी सरकार की साफ सुथरी छवि से कोई समझौता नहीं करना चाहते हैं. सीएम बनने के बाद पहली बार जब मीडिया के सामने आए तो भ्रष्टाचार पर वार के साफ संकेत दे दिए.
योगी ने भी वही मंत्र दोहराया जो पीएम मोदी बार बार कहते हैं. सबका साथ सबका विकास. पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में योगी ने कई बार ये बात जोर देकर कही की उनकी सरकार समाज के हर तबके के लिए बिना कोई भेदभाव के काम करेगी और विकास उनके एजेंडे में सबसे ऊपर होगा.
किसी तरह का कोई विवाद न हो इसलिए योगी ने श्रीकांत शर्मा और सिद्धार्थनाथ सिंह को सरकार का प्रवक्ता बना दिया है और साफ कर दिया है कि कोई भी मंत्री अनाप शनाप बयानबाजी न करें.
योगी आदित्यनाथ के काम करने के स्टाइल को लेकर तरह तरह के कयास लग रहे हैं, लेकिन अभी तक जो सामने आया है उसे देखकर ऐसा लग रहा है कि उनकी सरकार में भी मोदी नीति का छाप दिख सकती है.
कल आदित्यनाथ योगी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. यूपी में मुख्यमंत्री के साथ दो उप मुख्यमंत्री भी बनाए गए हैं. केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा ने डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली है.
वहीं, 44 मंत्री बनाए गए हैं. हालांकि अभी किसी के विभाग का बंटवारा नहीं हुआ है.योगी ने कहा है विकास उनके एजेंडे में सबसे ऊपर है. सरकार महिला सुरक्षा, किसान और रोजगार पर ध्यान देगी.
0 comments:
Post a Comment