इस मर्जर के बाद यह देश का सबसे बड़ी टेलिकॉम ऑपरेटर बन पड़ेगा. इस मर्जर के बाद वोडाफोन के पास 45.1% की हिस्सेदारी रहेगी जबकि बाकी का 54.9% हिस्सा आइडिया के पास रहेगा. कंपनी ने यह बात एक बयान में कही.
विलय के एलान के बाद आइडिया सेल्युलर के शेयरों में 5% का उछाल देखा गया है. आइडिया के प्रमोटर्स के पास एकाधिकार होगा कि वह किसे चेयरपर्सन नियुक्त करते हैं.
हालांकि सीईओ और सीओओ की नियुक्ति को लेकर दोनों प्रमोटर मिल कर फैसला लेंगे और दोनों की ही सहमति इसके लिए आवश्यक होगी.
वायरलेस सब्सक्राइबर के लिहाज से फिलहाल वोडाफोन दूसरे और आइडिया तीसरे स्थान पर है जबकि भारतीय एयरटेल पहले नंबर पर है.
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