जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले के चदूरा इलाके में मुठभेड़ के दौरान एक आतंकी को सुरक्षा बलों ने मार गिराया वहीं 3 स्थानीय नागरिकों की भी मौत हो गई।
इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों को दो तरफ से चुनौती मिल रही थी, एक तरफ आतंकवादी तो दूसरी तरफ पत्थरबाज सीआरपीएफ डीआईजी के अनुसार इस मुठभेड़ में 43 जवान और 20 पुलिसकर्मी सहित कुल 63 लोगों के घायल होने की खबर है।
सोमवार सुबह चदूरा इलाके के एक घर में 2 आतंकियों के छिपे होने की खबर के बाद तड़के सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी की और मुठभेड़ शरू हुई।
आखिरकार सुरक्षाबलों ने उस घर के एक हिस्से को बारूद से उड़ा दिया, जहां आतंकी छिपे थे लेकिन दिनभर स्थानीय पत्थरबाज़ जिन पर आतंकियों से सहानुभूति रखने का आरोप है वे रह रहकर सुरक्षाबलों के लिए बाधा बन रहे थे।
मारे गए आतंकी के पास से हथियार भी बरामद हुए हैं, आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान ही इलाके में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए।
बेकाबू भीड़ और तनाव को रोकने के लिए पहले आंसू गैस के गोले दागे गए फिर पुलिस ने हवाई फायरिंग भी की लेकिन जब हालात नहीं सुधरे तो पुलिस फायरिंग में तीन लोगों की मौत हो गई, इसके अलावा चार अन्य लोगों के घायल होने की भी खबर है।
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सुरक्षा बलों की कार्रवाई में तीन नागरिकों की मौत पर दुख जताते हुए पत्थरबाजी के मामले पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने युवाओं के आतंक से जुड़ने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया, उन्होंने कहा कि युवाओं को जान गंवाते देखना दुखद है।
हम जानते हैं कि बहुत से ऐसे मुद्दे हैं, जिनका समाधान जरूरी हैं लेकिन हिंसा अगर रोज की आदत बन जाती है तो कोई भी कुछ नहीं कर पायेगा। अनुकूल वातावरण बनाने के लिए सभी को संयम बरतने की जरूरत है। असहमति का प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए।
वहीं अलगाववादियों ने बडगाम जिले में मुठभेड़ स्थल के निकट प्रदर्शन के दौरान तीन नागरिकों की मौत के खिलाफ बुधवार को आम हड़ताल का आह्वान किया है और घटना की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
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