भारत ने कम ऊंचाई वाली मिसाइल को मार गिराने में सक्षम स्वदेशी इंटरसेप्टर सिस्टम का सफल परीक्षण किया है।
सोमवार को इस मिसाइल का एक महीने में दूसरी बार सफल टेस्ट किया गया। तो वहीं इसे बहु स्तरीय मिसाइल रक्षा प्रणाली को विकसीत करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
सोमवार को उड़ीसा के चांदीपुर रेंज से इस स्वदेशी मिसाइल को कम ऊंचाई पर परीक्षण किया गया। तो वहीं एक रक्षा अधिकारी के मुताबिक यह परीक्षण इंटरसेप्ट मिसाइल के कई मानकों को मान्यता देने के संबंध में किया गया था। साथ ही कहा कि इसका परीक्षण कम ऊंचाई पर किया गया था।
इंटरसेप्टर मिसाइल ने चांदीपुर स्थित परीक्षण रेंज के प्रक्षेपण परिसर 3 से पृथ्वी मिसाइल से प्रक्षेपित किया गया और इसने सफलता पूर्वक अपने लक्ष्य भेद दिया। तो वहीं लक्षित मिसाइल का प्रक्षेपण चांदीपुर से किया गया था।
यह मिसाइल 7.5 मीटर लंबा मजबूत रॉकेट है। साथ ही इसे नौवहन प्रणाली, हाईटेक कंप्यूटर और इलेक्ट्रो-मैनिकल एक्टिवेटर की सहायता से गाइडेड मिसाइल से संचालित किया जाता है।
गौरतलब है कि रक्षा संगठन डीआरडीओ के एक प्रोग्राम के तहत पिछले 11 फरवरी को पृथ्वी डिफेंस वीइकल का परीक्षण किया गया था। तब यह 97 किलोमीटर की ऊंचाई पर अपने लक्ष्य को निशाना बनाया था। कंप्यूटर सिस्टम से जरूरी निर्देश मिलते ही इंटरसेप्टर को टार्गेट भेदने के लिए छोड़ दिया जाता है।
बंगाल की खाड़ी में अब्दुल कलाम द्वीप से इंटरसेप्टर मिसाइल को टैकिंग रडारों से संकेत मिला जिसके बाद यह शत्रु मिसाइल को हवा में ही नष्ट करने के लिए आगे अपने पथ पर बढ़ गई।
इसके सफल परीक्षण पर डीआरडीओ के एक वैज्ञानिक ने कहा कि यह मिशन बेहतर था, और 'अश्विन' ने सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य भेद दिया। गौरतलब है कि इस स्वदेशी मिसाइल का नाम अश्विन रखा गया है।
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