भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को समाधान ऑनलाइन में उद्योग विभाग के जिस अधिकारी को निलंबित करने के निर्देश दिए, वे सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
अधिकारियों ने पहले से इसकी जानकारी सीएम को नहीं दी थी। मुख्यमंत्री ने पांच अधिकारियों-कर्मचारियों को निलंबित करने के साथ दो की सेवा समाप्त करने के निर्देश दिए।
वहीं नर्मदा तट पर हो रहे अवैध उत्खनन को लेकर अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए साप्ताहिक रिपोर्ट भेजने के लिए कहा।
इस मौके पर समाधान ऑनलाइन में दिए निर्देशों के पालन की समीक्षा की गई। इसमें पिछली समाधान ऑनलाइन की कार्रवाई में उदासीनता बरतने के मामले में मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग के संबंधित संयुक्त संचालक को निलंबित करने के निर्देश दिए।
बताया जा रहा है कि ये अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुका है। इसी प्रकरण में सरकार ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र में एक साल तक कोई भी सरकारी पैसा जमा नहीं करने का फैसला लिया।
उद्योग विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब मुख्यमंत्री को सही स्थिति बताई जाएगी।
भोपाल के पैरा मेडिकल कोर्स के छात्र अशोक कुमार लोधी की अंकसूची और छात्रवृत्ति मेयो कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस प्रबंधन द्वारा नहीं देने पर कार्रवाई करने के निर्देश कलेक्टर को दिए गए।
मुख्यमंत्री ने बैठक में पुलिस अधिकारियों से कहा कि प्रदेश में माफिया नहीं पनपना चाहिए। अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। आईजी रेंज में लगातार दौरे करें।
पुलिस की कार्रवाई ऐसी हो कि अपराधी या तो जेल में रहें या फिर प्रदेश छोड़कर चले जाएं। महिला अपराधों को लेकर उन्होंने कहा कि आदतन अपराधी और विकृत मानसिकता वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में गड़बड़ी के मामले में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ब्यावरा शाखा के प्रबंधक अविनाश मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई होगी। मिश्रा ने स्वीकृत कर्ज की राशि देने से पहले 50 हजार रुपए की एफडी जमा करने कहा था।
प्राचार्य सुभाष जायसवाल और गीता तिवारी (साइकिल और छात्रवृत्ति देने में देरी), उपनिरीक्षक जगदीश तोमर(एफआईआर लिखने में देरी) , पंचायत सचिव रविशंकर पटेल(कुएं के निर्माण में अनियमितता) , सहायक ग्रेड तीन टेकचंद्र बुनकर (नामांतरण में देरी)।
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