जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किए जाने के प्रस्ताव का चीन के विरोध किए जाने के बाद फ्रांस भारत के समर्थन में उतर आया है।
फ्रांस को यह रुख चीन के लिए बड़ा झटका है जो अभी तक संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रस्ताव के खिलाफ काम करता रहा है।
फ्रांस ने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किए जाने की मांग हर लिहाज से वाजिब है और उसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया जाना चाहिए।
भारत के चार दिन के दौरे पर आए फ्रांस के विदेश मंत्री जीन मार्क ने चीन का नाम लिए बिना कहा कि, आतंकवाद को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिबद्धता हर जगह एक जैसी होनी चाहिए।
अजहर मसूद के संगठन को प्रतिबंधित संगठन की सूची में शामिल किए जाने की जिक्र करते हुए कहा, इस लिहाज से अगर भारत ने ऐसी अपील की है तो मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यही वजह रही कि फ्रांस ने न केवल संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रस्ताव का समर्थन किया बल्कि उसे आगे भी बढ़ाया।
भारत ने फरवरी 2016 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किए जाने की मांग की थी। अजहर पंजा के पठानकोट एयर बेस पर हुए हमले का मास्टरमाइंड है।
इसके बाद से चीन ने तकनीकी आधार पर भारत के इस प्रस्ताव को दो बार रोका। चीन ने इसके साथ ही परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत के प्रवेश को लेकर रोड़ा अटकाया है।
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