पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक संसद में सोमवार को यह प्रस्ताव पारित हुआ। पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल) के सीनेटर उस्मान सैफ उल्लाह खान ने उच्च सदन में इस प्रस्ताव को पेश किया था, जिसे बहुमत से पारित कर दिया गया।
हालांकि पाकिस्तान में यह नोटबंदी भारत की तरह एक साथ लागू नहीं होगी। वहां इसे तीन से पांच साल में लागू किए जाने का प्रस्ताव है।
प्रस्ताव में कहा गया है कि पांच हजार रुपये के नोट वापस लिए जाने से बैंक खातों के इस्तेमाल को प्रोत्साहन मिलेगा। इसके अलावा समानांतर अर्थव्यवस्था को भी खत्म किया जा सकेगा।
कानून मंत्री जाहिद हामिद ने कहा कि इससे मार्केट में संकट पैदा होगा और लोग पांच हजार के नोट के विकल्प के तौर पर अपने पास विदेशी करंसी को रखने लगेंगे।
उन्होंने कहा कि फिलहाल 3.4 ट्रिलियन नोट सकुर्लेशन में है, जिनमें से 1.02 ट्रिलियन नोट 5000 रुपये के हैं। कहा जा रहा है कि पाकिस्तान में पेश किया गया यह प्रस्ताव भारत में की गई नोटबंदी से प्रेरित है।
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