भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चार दिसंबर को राजधानी में आयोजित हितग्राही प्रशिक्षण सम्मेलन में दीनदयाल रसोई योजना की घोषणा की थी, लेकिन यह तय नहीं था कि इसे कौन सा विभाग चलाएगा।
मुख्यमंत्री सचिवालय ने अब नगरीय विकास विभाग को योजना बनाने और चलाने का जिम्मा सौंपा है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सीएसआर (कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) में मिलने वाली राशि के अलावा राज्य के बजट से योजना के लिए राशि का इंतजाम किया जाएगा।
शहरों में बाहर से आकर मजदूरी करने वालों को सस्ता भोजन मुहैया कराने नगरीय निकाय दीनदयाल रसोई की शुरुआत करेंगे। इसमें पांच रुपए में भरपेट भोजन कराया जाएगा। योजना की शुरुआत भोपाल से होगी।
नए वित्तीय वर्ष में बजट का अलग से प्रावधान भी होगा। नए साल में योजना भोपाल से शुरू करके चुनिंदा शहरों में लागू की जाएगी।
रसोई में सिर्फ ऐसे मजदूरों के भोजन का इंतजाम रहेगा, जो बाहर से आकर काम कर रहे हैं। नगरीय विकास आयुक्त विवेक अग्रवाल ने बताया कि योजना जल्द ही तैयार कर लेंगे।
सूत्रों का कहना है कि रसोई के संचालन का जिम्मा स्व-सहायता समूह या किसी सामाजिक संस्था को सौंपा जा रहा है।
इसे आश्रम, छात्रावास या अन्य संस्थाओं की तरह रियायती दर पर अनाज भी दिया जा सकता है। खाद्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यदि इस तरह का प्रस्ताव आता है तो विचार किया जा सकता है।
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