भोपाल : विस के मानसरोवर सभागार में आयोजित तीन दिनी लोकमंथन के दूसरे दिन रविवार को नवउदारीकरण और भूमंडलीकरण के युग में राष्ट्रीयता विषय पर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने कहा, नीति आयोग के काम-काज में भारतीय संस्कृति को भी ध्यान में रखा जाए।
डॉ. जोशी ने मंच पर मौजूद नीति आयोग के सदस्य डॉ. विवेक देबराय की ओर मुखातिब होकर कहा कि दुनिया ने समृद्धि तो देख ली, लेकिन शांति नहीं मिली है। अब लोग शांति चाहते हैं, इसके लिए नई व्यवस्था की तलाश की जानी चाहिए।
लोकमंथन के कई सत्रों में भारतीयता की तलाश को लेकर बातचीत हुई। डॉ. जोशी ने कहा कि मैं कौन हूं, क्या हूं, कहां से आया हूं, क्यों आया हूं, इन प्रश्नों के उत्तर लोक मंथन से मिलेंगे।
डॉ. जोशी ने कहा कि पश्चिम को बाजार चाहिए, भारत को परिवार और बाजार दोनों चाहिए। पश्चिम को सरकार चाहिए, भारत को समाज और सरकार दोनों चाहिए।
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