दस स्र्पए के सिक्के बंद नहीं हुए हैं। यह महज अफवाह है। अगर कोई लेने से इनकार करे तो पुलिस से शिकायत करें।
प्रशासन के नियंत्रण वाली एआईसीटीएसएल की सिटी बस और कुछ दुकानदारों द्वारा 10 के सिक्के लेने से इनकार करने पर जिला प्रशासन ने बुधवार को यह बात कही है।
नोटबंदी के बाद से बाजार में खुल्ले पैसे की कमी बनी हुई है। इस बीच सोशल मीडिया पर संदेश चलने लगे कि 10 रुपए के नकली सिक्के आने से सरकार उन्हें भी बंद कर चुकी है।
सोशल मीडिया पर करेंसी से जुड़े मैसेजों पर नजर रखी जा रही है। वहीं पंजाब नेशनल बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक ने भी कहा कि लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। रिजर्व बैंक के निर्देशानुसार कोई भी मुद्रा को लेने से इनकार नहीं कर सकता।
भारतीय मुद्रा का अपमान करने पर धारा 489 ए से 489 ई के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई जा सकती है। इसके तहत आजीवन कारावास या दस साल की सजा या जुर्माना दोनों किया जा सकता है।
सिक्के बंद होने की अफवाह अन्य प्रदेशों से मप्र तक पहुंची है। दो-तीन महीने पहले दिल्ली में नकली सिक्के बनाने वाली मिंट पकड़ी गई थी।
इसके बाद वहां व्यापारियों ने सिक्के लेने से इनकार कर दिया था। धीरे-धीरे राजस्थान, महाराष्ट्र में भी दस के सिक्के बाजारों में चलना बंद हुए। कई लोगों ने सिक्के खपाने के लिए मप्र तक भेजे।
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