अजीज ने कहा, पाकिस्तान क्षेत्र में भारत के वर्चस्ववादी रवैये का विरोध कर रहा है। पाकिस्तान समान आधार पर द्विपक्षीय संबंधों को प्रोत्साहन देने का आह्वान कर रहा है।
मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रहते भारत के साथ संबंधों में सफलता की कोई उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा कि संसद के संयुक्त सत्र में शुक्रवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया।
उसमें कश्मीर, संघर्ष विराम उल्लंघन, सिंधु जल समझौता तोड़ने की भारत की धमकी, बलूचिस्तान में भारत के हस्तक्षेप समेत सारे मुद्दे शामिल हैं।
इसका मकसद दुनिया को यह दिखाना था कि इन मसलों पर समूचा पाकिस्तान एकजुट है। अजीज ने कहा, दुनियाभर में विभिन्न मंचों पर संवाद के दौरान बहुमत ने देखा कि पाकिस्तान और भारत के बीच बातचीत बहाल होनी चाहिए।
0 comments:
Post a Comment